Crime News: एनआईए कोर्ट ने सिमी के चार आतंकियों को दी उम्रकैद की सजा

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की विशेष अदालत ने सिमी के चार आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनवाई है। इनमें से दो आतंकियों को तिहरा आजावीन कारावास की सजा सुनाई गई। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने फैसला सुनाया। इनमें से दो आतंकी उमर और सादिक जमानत से पेशी पर आए थे। दोनों को पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। दोनों का मेडिकल करा कर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। वहीं, आतंकी अबू फजल और इमरान नागौरी पहले से जेल में बंद हैं।

बता दें 24 दिसंबर 2013 की सुबह एटीएस पुलिस की सेंधवा में सिमी आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। आतंकियों ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया। इस दौरान सरगना अबू फजल और इमरान नागौरी को गिरफ्तार किया गया था। इनकी पूछताछ में पता चला था कि सादिक और उमर उज्जैन में सहयोगी आतंकियों को गोला बारूद, हथियार पहुंचाते थे।

यहीं से किसी घटना को अंजाम देने के लिए गोला बारूद उपलब्ध कराने का इंतजाम किया जाता था। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) एक प्रतिबंधित संगठन है। संगठन का गठन 1977 में अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में किया गया था। भारत सरकार ने सिमी को आतंकियों से जुड़ने के चलते पूरे देश में प्रतिबंधित किया है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।