Cryptocurrency : सरकार ने जारी की गाइडलाइन, निवेशकों को जानना है जरूरी कब से होगा लागू

sadbhawnapaati
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नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन विवाद ने पूरे विश्व का बाजार हिला कर रख दिया है. शेयर बाजार से लेकर सर्राफा बाजार तक निवेशकों की हालत डामाडोल है. तृतीय विश्वयुद्ध की आशंका से निवेशकों में एक डर भी है.
भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी भी घटने लगी है, इसी बीच क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन के लिए एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने गाइडलाइन जारी की हैं.
इस गाइडलाइन के अनुसार, 1 अप्रैल 2022 से विज्ञापनदाताओं को क्रिप्टो उत्पादों और टोकन के लिए एक डिस्क्लेमर (Cryptocurrency Ad Guidelines) देना होगा, जिसमें यह लिखा होगा कि ये उत्पाद अनरेगुलेटेड हैं और इन पर अत्यधिक रिस्क हो सकता है.
यानी अब क्रिप्टोकरेंसी के साथ डिस्क्लेमर भी अनिवार्य होगा. साथ ही, ऐसे विज्ञापनों में यह भी स्पष्ट लिखा होना चाहिए कि इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए रेगुलेटर जिम्मेदार नहीं होगा.
आपको बता दें कि सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) जिन्हें आमतौर पर क्रिप्टो या नॉन फंजिबल टोकन (NFTs) के रूप में जाना जाता है.
इस तरह से सभी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों (वीडीए) के विज्ञापनों में डिस्क्लेमर लिखा होना अनिवार्य होगा. इतना ही नहीं, अभी तक चल रहे पुराने विज्ञापन 15 अप्रैल के बाद प्रकाशित या प्रचारित नहीं होने चाहिए.
15 अप्रैल के बाद नई गाइडलाइन के तहत बने विज्ञापन ही मान्य होंगे. दरअसल, बाजार में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. ऐसे में, एएससीआई ने सभी हितधारकों, सरकार और वित्तीय नियामकों से परामर्श के बाद यह गाइडलाइन जारी की है.
एएससीआई अध्यक्ष सुभाष कामथ ने कहा, ‘वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और सेवाओं के विज्ञापन के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता है, यह देखते हुए कि यह निवेश का एक नया और उभरता हुआ तरीका है.
इसलिए उपभोक्ताओं को जोखिमों के बारे में जागरूक करने और उन्हें सावधानी से आगे बढ़ने के लिए कहना चाहिए.’

जानिए गाइडलाइंस की प्रमुख बातें

– 1 अप्रैल 2022 से जारी होने वाले डिजिटल एसेट्स के सभी विज्ञापनों के साथ डिसक्लेमर देना अनिवार्य होगा.
– यह साफ बताना होगा कि क्रिप्टो प्रोडक्ट्स या NFT अनरेगुलेटेड और बहुत रिस्की हो सकते हैं. इससे जुड़े लेनदेन से हुए नुकसान के लिए कही शिकायत नहीं की जा सकती.
– प्रिंट या स्टैटिक मीडियम में यह डिसक्लेमर एडवर्टाइजिंग स्पेस के कम से कम 20 फीसदी जगह में होना चाहिए.
– यह डिसक्लेमर विज्ञापन के अंत में होगा और प्लेन बैकग्राउंड में इसके फॉन्ट पढ़े जाने योग्य होने चाहिए.
– क्रिप्टो के ऑडियो विज्ञापनों में डिसक्लेमर विज्ञापन के अंत में पढ़ना अनिवार्य होगा.
– इसमें वॉयसओवर की रफ्तार ज्यादा नहीं होगी, यानी सामान्य होगी ताकि इसे सुनकर लोग आसानी से समझ सकें.
– इस गाइडलाइन के दायरे में ही सोशल मीडिया पोस्ट भी शामिल होंगे.
– विज्ञापन में ‘करेंसी’, ‘सिक्योरिटीज’, ‘कस्टोडियन’ और ‘डिपॉजिटरीज’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना होगा.
– आम तौर पर ग्राहक इन शब्दों का इस्तेमाल रेगुलेटेड प्रोडक्ट्स के साथ होता देखते हैं.
– वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के विज्ञापन में किसी नाबालिग को क्रिप्टो प्रोडक्ट्स की खरीद-फरोख्त करते नहीं दिखाया जा सकता.
– इसकी ट्रेडिंग को मनी प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के रूप में भी दिखाने की इजाजत नहीं होगी. विज्ञापन में भविष्य में होने वाले प्रॉफिट का वादा या गारंटी नहीं होगी.
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