आइएमएस, आइआइपीएस, ईएमआरसी, ला, कामर्स, कम्प्यूटर साइंस, सोशल साइंस, जर्नलिज्म सहित अन्य 12 विभागों से संचालित 38 कोर्स में दाखिले के लिए सीईटी होती है,जिसमे करीब 2300 सीटों पर दाखिला होता है और तक़रीबन 15-20 हजार आवेदन आते हैं लेकिन दो साल से परीक्षा नहीं करवाई जा रही है। संक्रमण की वजह से पिछले साल भी मेरिट आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया था। कोर्ट में सत्र 2021-22 में परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देने की बात कहीं, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने से फिर एक बार सीईटी को लेकर संकट खड़ा हो गया है। बीते दिनों कुलपति डा. रेणु जैन ने विभागाध्यक्षों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली। जहां अधिकांश विभागाध्यक्ष ने सीईटी पर जोर दिया और तर्क दिया कि सीबीएसई और एमपी बोर्ड ने अभी 12वीं की परीक्षा को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
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अगर परीक्षाएं नहीं होती है तो यूटीडी में मेरिट आधार पर प्रवेश देना मुश्किल होगा। वहीं परीक्षा होने पर 15 अगस्त से पहले रिजल्ट आना संभव नहीं है। इसके चलते विवि में प्रवेश सितंबर से पहले शुरू नहीं हो सकते है। अब दोनों ही स्थिति में विश्वविद्यालय को प्रवेश परीक्षा करवाना होगी। कुलपति डा. रेणु जैन ने भी सुझाव दिया कि शपथ पत्र लेकर विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा में बैठा सकते हैं ताकि सत्र समय पर शुरू हो सके। अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन पध्दति से परीक्षा करवाने पर विचार किया जा रहा है। कुलपति डा. रेणु जैन ने बताया कि कोरोना की स्थिति और 12वीं की परीक्षा को देखने के बाद सीईटी पर फैसला किया जाएगा। जून में इसके लिए विभागाध्यक्ष और एडमिशन सेल की बैठक बुलाई जाएंगी।
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