DAVV Update :- CET और Non CET दोनों विभागों में प्रवेश प्रक्रिया एक साथ शुरू होगी, जुलाई तीसरे सप्ताह से प्रक्रिया शुरू करने का फैसला हुआ

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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कोरोना महामारी के कारण देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने नॉन सीईटी वाले कोर्स में दाखिले के लिए जुलाई तीसरे सप्ताह से प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है। विश्वविद्यालय के बीस विभाग से संचालित यूजी-पीजी 72 कोर्स में तीन हजार सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक सीईटी और नान सीईटी दोनों विभागों में प्रवेश प्रक्रिया एक साथ शुरू करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक नान सीईटी वाले विभागों में हर साल मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर विद्यार्थियों का चयन किया जाता है।

विभागाध्यक्षों का कहना है कि महामारी के कारण सत्र 2021-22 में प्रवेश से जुड़ी प्रक्रिया दो महीने पिछड़ चुकी है, अब जून में सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट करेंगे। उनके फैसले पर विवि की प्रवेश प्रक्रिया टिकी हुई है। यही वजह है कि अभी तक मेरिट या प्रवेश परीक्षा पर दाखिला दिया जाएगा। ये तय होना बाकी है।

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सीबीएसई की गाइडलाइन के बाद विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर तैयारियां शुरू करेंगे।

वैसे यह माना जा रहा है कि जुलाई तीसरे सप्ताह से आवेदन बुलाए जा सकते है। विश्वविद्यालय ने भी अगस्त तक काउंसलिंग का एक चरण पूरा करने की रूपरेखा बनाई है। फिलहाल इस साल प्रवेश समिति में कोई बदलाव नहीं किया है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।