चार मामलों में निर्णय : देवास कलेक्टर के खिलाफ मानव अधिकार आयोग ने नोटिस और वारंट जारी किया,  

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sadbhawnapaati
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मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग ने देवास कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के खिलाफ नोटिस और वारंट जारी किए हैं। चार अलग-अलग मामलों में कलेक्टर शुक्ला के खिलाफ आयोग ने यह एक्शन लिया है। कलेक्टर के आयोग द्वारा प्रतिवेदन मांग जाने और स्वयं उपस्थित होने के आदेशों का पालन नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि मानव अधिकार आयोग में देवास जिले की चार शिकायतें हुई थी। पहली शिकायत त्रिलोक नगर के अनिल ठाकुर ने गृह निर्मामण संस्था के अध्यक्ष के खिलाफ पार्क की जमीन पर रिश्तेदार को स्कूल के लिए देने की थी। दूसरी शिकायत इसी कॉलोनी के ओमप्रकाश व अन्य लोगों ने गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष के खिलाफ सदस्यों के अधिकारों का शोषण करने, संस्था के पैसों का दुरुपयोग की है। तीसरी शिकायत में देवास की लेबर कॉलोनी की राखी चौधरी ने अपने छोटी पाथी राजबाड़ा के सामने के घर को अवैधानिक रूप से तोड़े जाने का आरोप लगाया था। चौथी शिकायत में टोंककलां देवास की सुनीता व अन्य लोगों के घर से पानी निकासी व्यवस्था नहीं होने तथा अन्य समस्याओं को लेकर की थी
न प्रतिवेदन दिए न उपस्थित हुए
आयोग को की गईं शिकायतों में देवास कलेक्टर से प्रतिवेदन मांगे गए थे और स्मरण पत्र भी भेजे गए। मगर देवास कलेक्टर की ओर से कोई प्रतिवेदन नहीं मिले। इसके बाद देवास कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला को नामजद नोटिस जारी कर नौ मई को बुलाया गया था लेकिन उस दिन भी न तो आयोग को प्रतिवेदन मिला और न ही कलेक्टर खुद ही पहुंचे। मानव अधिकार आयोग द्वारा व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32 ग के तहत कलेक्टर शुक्ला को उपस्थित नहीं होने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही नोटिस जारी किया गया व 14 जुलाई को उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। वारंट भी जारी किया गया है जो एसपी देवास के माध्यम से तामील कराया जाएगा।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।