नगर पालिका अध्यक्ष चुनने का अधिकार जनता को देने की मांग, हाईकोर्ट की न 

sadbhawnapaati
2 Min Read

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने की मांग वाली याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस समय चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी गई है। ऐसे में कोई भी आदेश जारी करना ठीक नहीं होगा। इस मांग वाली याचिका को छुट्टियों के बाद नियमित बैंच के सामने प्रस्तुत किया जाए। 

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और एक अन्य ने यह याचिका दाखिल की थी। इस पर जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस डीके पालीवाल की बैंच ने तत्काल कोई राहत देने से इनकार कर दिया। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने नगर पालिका नियम की धारा 9 में संशोधन किया है। इससे नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से तथा नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी की है। याचिका में राहत चाही गई थी कि महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी सीधे जनता से कराए जाए।

भेदभाव पर उठाए सवाल 
याचिका में कहा गया है कि नगर निगमों और नगर पालिकाओं की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं है। इसके बाद भी राज्य सरकार ने इस निर्णय से भेदभाव किया है। प्रदेश में 16 नगर निगमों में महापौर जनता चुनेगी, जबकि 99 नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव पार्षद करेंगे। याचिका में विधि एवं विधायी कार्य विभाग व नगरीय प्रशासन विभाग को पक्षकार बनाया गया था। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की।

Share This Article