टूटी हुई या फिर खंडित प्रतिमा न रखें,  होता है नकारात्मक ऊर्जा का संचार

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sadbhawnapaati
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हिंदू धर्म के ज्यादातर घरों में भगवान का मंदिर या फिर मूर्तियां होती हैं, जिनके हर रोज दर्शन और पूजा करते हैं। हम पूजा इस आस्था से करते हैं कि इनका शुभ प्रभाव घर पर पड़े, क्योंकि भगवान के दर्शन मात्र से ही मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है पर वास्तु के अनुसार, कई मूर्तियां ऐसी भी होती हैं कि जिनके दर्शन करने से मनुष्य पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसी मूर्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके दर्शन करना वास्तु के अनुसार गलत बताया गया है

होता है नकारात्मक ऊर्जा का संचार

वास्तु के अनुसार, भगवान की ऐसी किसी तस्वीर या मूर्ति के दर्शन करने से बचना चाहिए। जिसमें वह किसी से युद्ध करते या फिर विनाश करते नजर आ रहे हों। ऐसी मूर्तियां घर में भी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

दर्शन करना होता है अशुभ

घर में कभी भी ऐसी मूर्ति या तस्वीर न रखें, जो टूटी हुई या फिर खंडित हो। उनके दर्शन करना अशुभ माना गया है। ऐसी मूर्ति के दर्शन करना दुख का कारण बन सकता है। इस तरह की मूर्तियों को नदी में सर्वा कर देना चाहिए या फिर पीपल के पेड़ के नीचे रख देनी चाहिए।

नहीं लाएं ऐसी मूर्ति

घर में हमेशा भगवान की खड़ी प्रतिमा के बजाय आसन पर विराजमान मूर्तियों को लाना चाहिए। ऐसी प्रतिमा या तस्वीर अधिक शुभ व लाभ प्रदान करती है। साथ ही उनका मुंह सौम्य और हाथ आशीर्वाद देते हुए हों। वास्तु के अनुसार कभी भी घर में रौद्र मूर्ति नहीं लानी चाहिए।

दरिद्रता का होता है वास

भगवान की मूर्ति या तस्वीर घर में इस तरह नहीं रखनी चाहिए, जहां उनका पीछे का भाग यानी पीठ दिखाई दे रही हो। भगवान की पीठ के दर्शन करने से पुण्य कर्म का प्रभाव कम होता है। माना जाता है कि भगवान की पीठ के दर्शन करने से दरिद्रता का वास होता है।

दुर्भाग्य को मिलता है निमंत्रण

घर के मंदिर में कभी भी एक ही भगवान की दो प्रतिमाएं या फिर तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से दुर्भाग्य को निमंत्रण मिलता है। साथ ही आप जहां भी पूजा कर रहे हों वहां अग्नि से संबंधित जैसे- विद्युत मोटर्स आदि चीजें नहीं रखनी चाहिए।

घर में फैलती है अशांति

वास्तु विज्ञान के अनुसार, घर में कभी भी भगवान शिव के अवतार भैरव देव, नटराज, शनिदेव और राहु-केतु की मूर्ति या तस्वीर को घर में नहीं लाना चाहिए। इनके दर्शन मंदिर में ही करने चाहिए घर में इनकी पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसी मूर्ति लाने से घर में अशांति फैलती है।
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