डीआरडीओ की 2-डीजी दवा कोरोना के सभी वेरिएंट के खिलाफ कारगर – रिसर्च

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sadbhawnapaati
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कोरोना के लिए DRDO ने anti-Covid drug 2-DG को विकसित किया है. DRDO का दावा है कि यह दवा कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ काफी कारगर है. अब एक नई रिसर्च में भी यह बात साबित हुई है कि 2-डीजी दवा कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ पुख्ता तरीके से काम करती है. अध्ययन के मुताबिक यह दवा SARS-CoV-2 की जटिलताओं को कम करती है और स्वस्थ्य कोशिकाओं को infection-induced cytopathic effect (CPE) से बचाती है  यानी यह कोशिकाओं को SARS-CoV-2 के संक्रमण होने पर हुए प्रभाव को कम करती है. इसके साथ ही कोशिकाओं को मरने भी नहीं देती. यह अध्ययन 15 जून को प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन के लेखक हैं- अनंद नारायण भट्ट, अभिषेक कुमार, योगेश राय, दिव्या वेदागिरी एवं अन्य.

ट्रायल में अन्य वैरिएंट पर हुआ अध्ययन : हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैब द्वारा 2डीजी पर चलाए गए क्लीनिकल ट्रायल के प्रमुख वैज्ञानिक रहे आइएनएमएस के डॉ अनंत नारायण भट्ट और डॉ. सुधीर चांदना ने देखा है कि तीसरे चरण के ट्रायल में यह दवा कई वैरिएंट्स पर प्रभावी है. डॉ. भट्ट ने बताया कि अब चाहे वायरस का कोई भी वैरिएंट हो उसे ग्लूकोज की जरूरत होगी, जिसे बाधित करने का काम यह दवा कर रही है. इसके साथ ही वायरस के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अमीनो एसिड की भी आपूर्ति कोशिका में रूक जाती है जिससे उनकी संख्या नहीं बढ़ने पाती.

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डीआरडीओ ने किया है विकसित : 2-डीजी दवा के प्रभाव का विश्लेषण केवल दो अलग-अलग वैरिएंट (बी.6 और बी.1.1.7) पर किया गया था, लेकिन इसके एंटी-वायरल गुण कोरोना के सभी वैरिएंट पर असरदार साबित हुए. पिछले दिनों रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और  Dr Reddy’s Laboratories ने मिलकर 2-डीजी दवा को विकसित किया है। मई में इस दवा के कोविड के गंभीर एवं मध्यम रोगियों में इस्तेमाल के लिए आपातकालीन मंजूरी ली गई है. 2-DG के क्लिनिकल ट्रायल में यह दावा किया गया है कि इससे रोगियों में ऑक्सीजन की निर्भरता घटेगी और अस्पताल में भर्ती रोगियों के जल्द ठीक होने में मदद देगी.

विदित हो की 17 मई को इस दवा की पहली खेप बाजार में आई थी. दो सप्ताह पहले डीआरडीओ ने एक गाइडलाइन जारी कर कहा था कि इस दवा को गंभीर दिल की बीमारी, अनियंत्रित डायबिटीज और सांस संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे मरीजों में देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.  इस दवा को डाक्टरों की देखरेख और प्रिस्क्रिप्शन के तहत ही कोरोना मरीजों को दी जाने की सलाह दी गई है.

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