अब ‘प्रौढ़ शिक्षा के बजाय सभी के लिए शिक्षा’ का प्रयोग किया जाएगा, यह फैसला शिक्षा मंत्रालय ने किया है। इसका कारण है कि पिछली योजना में 15 साल और इससे ऊपर के सभी आयु-वर्ग शामिल नहीं हो पा रहे थे।
Education News. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को नव भारत साक्षरता कार्यक्रम नाम के नए शिक्षा कार्यक्रम को शुरू किया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य अगले पांच साल में प्रौढ़ शिक्षा के सभी आयाम को हासिल करना है। यह योजना नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शुरू की गई है। शिक्षा मंत्रालय ने यह फैसला भी किया है कि अब ‘प्रौढ़ शिक्षा के बजाय सभी के लिए शिक्षा’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा। इसका कारण है कि पिछली योजना में 15 साल और इससे ऊपर के सभी आयु-वर्ग शामिल नहीं हो पा रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य केवल आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्रदान करना नहीं है। बल्कि यह उन अन्य घटकों को भी शामिल करेगा जो 21वीं सदी के व्यक्ति की जरूरत है। इसके माध्यम से वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य देखभाल और जागरूकता, महत्वपूर्ण जीवन शिक्षा, और परिवार कल्याण आदि पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से व्यावसायिक कौशल विकास, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तर की बुनियादी शिक्षा आदि पर भी जोर दिया जाएगा।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सतत शिक्षा जिसमें कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल और मनोरंजन के वयस्क शिक्षा के पाठ्यक्रम शामिल हैं और स्थानीय लोगों के लिए जीवन कौशल आदि पर ध्यान दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इस योजना को स्वयंसेवियों की मदद से ऑनलाइन मोड में बढ़ाया जाएगा। इसमें ट्रेनिंग सत्र, वर्कशॉप आदि का भी आयोजन किया जाएगा। पंजीकृत स्वयंसेविओं की मदद के लिए सभी संसाधन डिजिटल माध्यम जैसे टीवी, रेडियो, ओपन सोर्स ऐप और पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।
2022-27 तक 5 करोड़ को साक्षर करने का लक्ष्य
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 15 और इससे ऊपर के सभी आयुवर्गो के अशिक्षित लोगों को शामिल किया जाएगा। सरकार ने इस योजना के लिए साल 2022 से 2027 तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्य को 5 करोड़ रखा है। इस के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, एनसीईआरटी और एनआईओएस के साथ मिलकर ऑनलाइन लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम (OTLAS) पर कार्य किया गया है। इच्छुक व्यक्ति इन में अपना पंजीयन करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपना नाम, जन्मतिथि, जेंडर, आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 15 और इससे ऊपर के सभी आयुवर्गो के अशिक्षित लोगों को शामिल किया जाएगा। सरकार ने इस योजना के लिए साल 2022 से 2027 तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्य को 5 करोड़ रखा है। इस के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, एनसीईआरटी और एनआईओएस के साथ मिलकर ऑनलाइन लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम (OTLAS) पर कार्य किया गया है। इच्छुक व्यक्ति इन में अपना पंजीयन करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपना नाम, जन्मतिथि, जेंडर, आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
इतनी राशि होगी खर्च
अनुमान के मुताबिक नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में 1037.90 रुपये का खर्च आने वाला है। इसमें 700 करोड़ की राशि केंद्र सरकार और 337.90 करोड़ की राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। इसके साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नवोन्मेषी (इनोवेटिव) कार्यों को कराने की सहूलियत दी गई है। स्कूलों को योजना के क्रियान्वयन के इकाई के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इसे लाभार्थियों के सर्वेक्षण के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।
अनुमान के मुताबिक नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में 1037.90 रुपये का खर्च आने वाला है। इसमें 700 करोड़ की राशि केंद्र सरकार और 337.90 करोड़ की राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। इसके साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नवोन्मेषी (इनोवेटिव) कार्यों को कराने की सहूलियत दी गई है। स्कूलों को योजना के क्रियान्वयन के इकाई के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इसे लाभार्थियों के सर्वेक्षण के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।