उसके बाद जयपुर के चित्रकुट स्थित एक फ्लैट में बैठे युवक के पास पेपर पहुंचा । वहां से सीकर भेजा गया । सीकर से पेपर हल होकर वापस परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी के पास पहुंच गया । पेपर लीक का सौदा 35 लाख रुपए में किया गया था। पुलिस अब पेपर लीक होने की जानकारी परीक्षा आयोजित करने वाली अथॉरिटी को भेजेगी। जयपुर की सहायक पुलिस उपायुक्त रिचा तोमर ने बताया कि एक कांस्टेबल को सूचना मिली थी कि राजस्थान इंस्टीट्यृट ऑफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के परीक्षा केंद्र के इंविजीलेटर पेपर को परीक्षा केंद्र के बाहर भेजकर हल करा कर परीक्षार्थियों को नकल कराएंगे।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि परीक्षार्थी धनेश्वरी यादव के चाचा सुनील यादव को पड़ोस के ही ई-मित्र संचालक अनिल ने नकल कराने में सहयेाग के लिए अलवर जिले के बानसूर निवासी नवरत्न स्वामी और परीक्षा केंद्र के इंविजीलेटर रामसिंह के साथ 35 लाख रुपए में सौदा हुआ था । पुलिस को शक है कि इतनी बड़ी रकम देकर केवल एक परीक्षार्थी को ही नकल नहीं कराई गई। बल्कि कई परीक्षार्थियों को नकल कराई गई होगी । जांच पूरी होने के बाद इस मामले का खुलासा हो सकेगा ।
ऐसे हुआ पेपर लीक
पुलिस के अनुसार परीक्षा प्रारंभ होते ही इंविजीलेटर रामसिंह ने कॉलेज के प्रशासक मुकेश सामोता के मोबाइल से परीक्षार्थी धनेश्वरी के पेपर का मोबाइल से फोटो खींचकर चित्रकुट स्थित स्वास्तिक अर्पाटमेंट के एक फ्लैट में बैठे पंकज और संदीप को भेजा गया था । इन दोनों ने पेपर सीकर में बैठे अपने साथी सुनील और दिनेश को मोबाइल पर भेजा था । उन्होंने पेपर हल कर के वापस व्हाट्सएप पर भेज दिया ।
इसके बाद आंसर की के जरिए परीक्षार्थी धनेश्वरी ने पेपर हल किया । सूचना मिलने पर पुलिस ने धनेश्वरी से पेपर और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए थे। इस कार्रवाई को पुलिस ने गुप्त रखा । सोमवार रात इसका खुलासा किया । तोमर ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों के मोबाइल फोन से जांच के दौरान कई अहम जानकारी मिली है। पुलिस की एक टीम सोमवार रात सीकर भेजी गई है। वहां से कुछ और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि 35 लाख में सौदा हुआ था तो उसमें से कितनी रकम का लेनदेन हुआ है।