इतना ही नहीं इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में 53 विश्वस्तरीय स्कूल तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 350 सीएम राइज स्कूलों की स्थापना भी की जा रही है।
परमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन के लिए भाषा के महत्व पर जोर देना अनिवार्य है। इसलिए मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन के बाद भी व्यापक स्तर पर रखी जाएगी।
राज्य शिक्षा केंद्र तथा अधिकारियों द्वारा भी दावा किया गया था कि पिछले साल की तरह इस साल भी एमपी बोर्ड पांचवी और आठवीं के बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं किए जाएंगे।
वही आंतरिक अंगों के मूल्यांकन के आधार पर उनका रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराने की तैयारी की गई है। इसके लिए कुछ विषयों की परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन अन्य विषयों की परीक्षा को कोरोना संक्रमण को देखते हुए निरस्त कर दिया गया था और छात्रों को जनरल प्रमोशन भी दे दिया गया था। वहीं पिछले साल छात्रों के घर वर्कशीट भेज कर उनका वार्षिक मूल्यांकन किया गया था।