Education News – ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की याचिका खारिज – सुप्रीम कोर्ट

sadbhawnapaati
3 Min Read

याचिका में देश भर के 15 से अधिक राज्यों के छात्रों के प्रतिनिधित्व किया गया था
Education News. सुप्रीम कोर्ट ने ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की मांग याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मामले में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं विद्यार्थियों को झूठा दिलासा देती हैं। कोर्ट के इस कदम से लगभग स्पष्ट हो गया कि इस साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं तय समय पर ऑफलाइन ही होंगी। हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय और अपडेट संबंधित राज्य और शिक्षा बोर्ड को करना है।
देश भर में 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए ऑफलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में सभी केंद्रीय और राज्य शिक्षा बोर्ड जैसे- सीबीएसई, आईसीएसई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानी एनआईओएस तथा विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए आयोजित की जाने वाली ऑफलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने की। पीठ में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार शामिल थे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में सीबीएसई टर्म-1 परिणाम को लेकर डेट स्पष्ट नहीं होने का भी हवाला दिया तो कोर्ट ने टोकते हुए कहा कि सीबीएसई की प्रक्रिया जारी है। मूल्यांकन पूरा होने दीजिए।

पीठ ने कहा कि आप बिना सुनवाई के सीधे जजमेंट देने जैसी बात कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने याचिका को लेकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने की हिदायत भी दी। हालांकि, जुर्माना नहीं लगाया गया।

इस याचिका में देश भर के 15 से अधिक राज्यों के छात्रों के प्रतिनिधित्व किया गया था। याचिका में सीबीएसई, अन्य केंद्रीय और राज्य शिक्षा बोर्ड को ऑफलाइन परीक्षाएं रद्द करने एवं मूल्यांकन के अन्य तरीकों को तैयार करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। क्योंकि, फिलहाल सभी बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए ऑफलाइन मोड में बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि फिलहाल ऐसे संकट जैसी स्थिति नहीं है कि परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं। ऐसी याचिकाएं छात्रों में भ्रम पैदा करती हैं।
Share This Article