Education News – यूजीसी का फैसला : एडमिशन नहीं लेने पर कॉलेज को पूरी फीस करनी होगी वापस

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

Education News. अगस्त से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र में यदि कोई छात्र किसी कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उसे रद्द करता है तो काॅलेज को उसकी पूरी फीस लौटाना होगी। विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ऐसे मामलों को स्पेशल केस मानते हुए यह फैसला लिया है। यह व्यवस्था 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।

इस दौरान कॉलेज प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी फीस में किसी प्रकार की कटौती नहीं कर सकेंगे। यूजीसी ने यह फैसला काेराेना काल में बिगड़ी अभिभावकों की आर्थिक हालत को देखते हुए उठाया है। आयोग का मानना है कि अभिभावक अभी संकट से जूझ रहे हैं। बता दें कि प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू होगी, जो 30 सितंबर तक चलेगी।

प्राेसेसिंग फीस के एक हजार रु. ही काट सकेंगे

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

अगर अक्टूबर के बाद 31 दिसंबर तक कोई छात्र अपना कॉलेज बदलता है या अपना दाखिला कैंसिल करता है तो कॉलेज सिर्फ एक हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस के काट सकेंगे। बाकी पूरी फीस रिफंड की जाएगी। छात्रों के फीस व दाखिले के संबंध में यूजीसी ने यह डायरेक्टिव्स एपेक्स बाडी व काउंसिल को भी दिए हैं। वे इस संबंध में अलग से निर्देश जारी कर सकेंगे। इसमें एआईसीटीई , एनसीटीई, बीसीआई, एनएमसी, डीसीआई, आयुष आदि शामिल हैं।

[/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।