कानड़ निवासी रितेश ने बताया कि साल 2021 में उसे गल्ले के व्यापार में नुकसान होने लगा था। इसके बाद उसने सट्टे का व्यापार शुरू किया था।
सट्टा व्यापार पर पुलिस की मेहरबानी बनी रहे, इसके लिए कानड़ थाना प्रभारी मुन्नी परिहार हर महीने उससे 20 हजार रुपए घूस लेती थी। रितेश के मुताबिक कुछ समय बाद उसने व्यापार बंद कर दिया।
लेकिन थाना प्रभारी मुन्नी परिहार लगातार दबाव बनाकर सट्टा चलाने के लिए कह रही थी। साथ ही इसके लिए हर महीने 20 हजार रुपए रिश्वत भी मांग रही थी।
नोट फेंके पर हाथों में लगा रंग
इस महीने थाना प्रभारी मुन्नी परिहार ने 29 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। उसने कहा था कि 9 हजार रुपए पहले के बाकी हैं और इस महीने के 20 हजार मिलाकर 29 हजार दो। कार्यवाहक लोकायुक्त डीएसपी राजकुमार ने बताया कि आवेदक की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए ट्रैप आयोजित किया गया। कार्रवाई के दौरान थाना प्रभारी ने अपने ऑफिस में ही नोटों को फेंक दिया, लेकिन हाथों में रंग लग गया। बातचीत का ऑडियो भी है और पैसे बरामद कर लिए गए हैं।