दमोह जिले में किसानों की फसलें तबाह: बछिया-खिरिया में सोयाबीन और उड़द की बर्बादी, राहत राशि की उठी मांग

अरविंद सिंह लोधी
By
Arvind Singh Lodhi
Damoh madhya Pradesh
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अरविंद सिंह लोधी

दमोह/बटियागढ़। लगातार बारिश और मौसम की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जनपद पंचायत बटियागढ़ के ग्राम बछिया-खिरिया सहित आसपास के क्षेत्रों में सोयाबीन और उड़द की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। खेतों में फसलें तो खड़ी हैं, लेकिन फलियों में दाने नहीं बने — जिससे किसानों की उम्मीदें टूट गईं।

भारतीय शक्ति चेतना पार्टी और भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को क्षेत्र के विभिन्न खेतों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों की स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया।

निरीक्षण दल में शामिल थे

भगवती मानव कल्याण संगठन के संभागीय अध्यक्ष डॉ. सुजान सिंह,
भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के जिला अध्यक्ष (किसान मोर्चा) श्री दशरथ सिंह,
जिला उपाध्यक्ष दौलत सिंह ठाकुर,
बहादुर सिंह, डाल सिंह, वीरेंद्र सिंह और राजेंद्र सिंह।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सोयाबीन की फसल लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है। उड़द की फसल तो लगभग पूरी तरह नष्ट हो गई है। अधिक वर्षा और लगातार नमी के कारण फसलों में फल तो बने, लेकिन दाने विकसित नहीं हो पाए।

किसानों की स्थिति अत्यंत गंभीर

किसानों का कहना है कि इस बार फसल पूरी तरह चौपट हो गई है, जिससे उनके पास रबी सीजन के लिए खाद, बीज और खेती का खर्च जुटाने तक के पैसे नहीं बचे हैं।

प्रशासन से राहत राशि की मांग

निरीक्षण दल ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि प्रभावित किसानों को तुरंत राहत राशि और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे आगामी रबी सीजन की फसल बोने लायक बन सकें।

संगठन ने यह भी कहा कि शासन-प्रशासन को किसानों की वास्तविक स्थिति देखने के लिए मैदानी निरीक्षण दल भेजना चाहिए, ताकि सहायता राशि केवल कागज़ों पर नहीं बल्कि जमीन पर पीड़ित किसानों तक पहुंचे।

किसानों की आवाज़ बनी ये मांग

“किसान की फसल बर्बाद हुई है, पर उम्मीद अभी बाकी है। सरकार यदि समय रहते सहयोग करे, तो किसान फिर से खेतों में हरियाली लौटा सकता है।”

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