भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा के प्रहार से डरकर आखिरकार सदन की कार्यवाही को ‘‘बकवास’’ कहने वाले कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया है।
यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष जैसे पद पर रहकर भी लगातार संवैधानिक व्यवस्थाओं का अपमान कर रहे थे। नेता प्रतिपक्ष से हटाकर कांग्रेस भी अब हो रही किरकिरी से राहत की सांस लेगी।
श्री सिसौदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ ने न जनता की सुनी और न कांग्रेस के विधायकों की, जिसके कारण उन्हें सत्ता से बेदखल होना पडा और कांग्रेस के विधायकों ने भी उनका साथ छोड दिया।
प्रदेश अध्यक्ष के साथ उन्हें कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी लेकिन वे इस पद के साथ भी न्याय नहीं कर पाए। उल्टा उन्होंने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए सदन की कार्यवाही को बकवास बताया। जिस पर कांग्रेस की चौतरफा किरकिरी हुई।
उन्होंने कहा कि जिस तरह कमलनाथ ने संवैधानिक व्यवस्था को बकवास बताया उस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने आपत्ति जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पत्र लिखकर कठोर कार्यवाही की मांग की थी। विधानसभा कमलनाथ के बयान पर संज्ञान लेती उससे पहले ही कांग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया।
श्री सिसौदिया ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है कि कमलनाथ की बदजुबानी के कारण कांग्रेस को नीचा देखना पडा। उन्होंने लगातार संसदीय व्यवस्थाओं और भारत को नीचा दिखाने के लिए विवादित बयान दिए।
कमलनाथ ने सतना जिले के मैहर में कहा कि भारत महान नहीं, मेरा भारत बदनाम है। वहीं एक बयान में उन्होंने महिला नेत्री को आइटम कहकर संपूर्ण महिला जाति का अपमान किया।
कमलनाथ की बदजुबानी यहीं नहीं रूकी, जब पूरा देश कोरोना महामारी से लड रहा था तब कमलनाथ ने चाइनीज कोरोना को ‘‘इंडियन वेरिएंट’’ कहकर जनता को भ्रमित और देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने का प्रयास किया।
लगातार एक के बाद एक कमलनाथ के विवादित बयान से हो रही किरकिरी से बचने के लिए कांग्रेस ने आखिरकार अपने विधायकों को चलो-चलो कहने वाले कमलनाथ को ही नेता प्रतिपक्ष के पद से ‘चलता’ कर दिया।