सेंसर बोर्ड के फैसले के बाद निर्माताओं ने इसे डिजिटली रिलीज करने का निर्णय लिया
मुंबई । केंद्रीय सेंसर बोर्ड ने आतंकवाद पर बनी 72 हूरें के ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है। ट्रेलर को बुधवार से सिनेमाघरों और टीवी चैनल पर दिखाया जाना था। सेंसर बोर्ड के फैसले के बाद निर्माताओं ने इसे डिजिटली रिलीज करने का निर्णय लिया है।
फिल्म सेंसर बोर्ड ने काफी पहले 72 हूरें फिल्म को रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। लेकिन पौराणिक फिल्म आदि पुरुष को लेकर जिस तरह से सेंसर बोर्ड की किरकिरी हो रही है। उसको देखते हुए सेंसर बोर्ड ने फिल्म रिलीज करने के लिए प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।
सेंसर बोर्ड ने कुछ सामग्री जिसमें कुरान के संदर्भ तथा पशु कल्याण का हवाला देकर ट्रेलर के सर्टिफिकेट को देने से इनकार कर दिया है। फिल्म के निर्माताओं का तर्क है, कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है। यह ट्रेलर पर भी लागू है। किंतु इसके बाद भी जिस तरह से प्रमाण पत्र को लेकर संशय की स्थिति बनाई गई है। उसको लेकर वह सूचना प्रसारण मंत्रालय में अपील करेंगे।
बोर्ड के फैसले से नाराज निर्माता अशोक पंडित ने कहा, सेंसर बोर्ड में बैठे हुए कौन लोग हैं। यह बहुत गंभीर मामला है। जिस फिल्म ने भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में अवार्ड जीता हो। उसके ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से कैसे इंकार किया जा सकता है?
द कश्मीर फाइल्स और द केरल स्टोरी की तर्ज पर 72 हूरें भी धर्म के आधार पर बनाई गई है। धार्मिक नेताओं और राजनीतिक हस्तियों का आरोप है, कि यह फिल्म इस्लामी समुदाय की भावनाओं को आहत करती है। फिल्म सेंसर बोर्ड लगातार निशाने पर है। सेंसर बोर्ड अब धार्मिक एवं विवादित फिल्मों पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।