वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेपो दर में वृद्धि को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा – आरबीआई के फैसले से हैरान नहीं

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बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की एक आपात बैठक बुलाई और रेपो दर में 40 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि करने का निर्णय लिया। आरबीआई के फैसले पर अब सरकार का बयान है और जो चौंकाने वाला है।

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद कहा कि मैं समय को लेकर सरप्राइज जरूर हूं, लेकिन फैसले को लेकर नहीं।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार और मैं रिजर्व बैंक के फैसले से हैरान नहीं हैं। हालांकि, मैं निश्चित रूप से समय के बारे में हैरान हूं।

अप्रैल में हुई मौद्रिक नीति की बैठक में गवर्नर ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया। एमपीसी की अगली बैठक जून में होनी है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह फैसला बीच में ही ले लिया।

इसे एक तरह से समन्वित कार्रवाई बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने यह किया और अमेरिका ने उस रात किया।

सीतारमण ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक की दरों में बढ़ोतरी का समय सभी को चौंकाने वाला है न कि दरों में बढ़ोतरी का फैसला।। लोग सोच रहे थे कि यह काम किसी तरह किया जाना चाहिए था।

हैरानी की बात यह है कि एमपीसी की दो बैठकों के बीच यह फैसला लिया गया। हमारे तेल की खपत से संबंधित मामलों में और इसे उस स्रोत से खरीदना जो हमें रियायती दर देता है, हमने ऐसा करने में अपने अधिकार का दावा किया है।

बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान करते हुए रेपो रेट में जैसे ही बढ़ोतरी का ऐलान किया तो शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज हुई।

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने एक ऑफ-साइकिल बैठक में रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 40 बेसिस प्वाइंट्स से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। रेपो दर वह दर है, जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है।

आरबीआई ने फरवरी 2019 से रेपो दर में 250 आधार अंकों की कटौती की है, ताकि विकास की गति को पुनर्जीवित करने में मदद मिल सके। लेकिन लंबे वक्त के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव का फैसला लिया। मौद्रिक नीति समिति ने विकास का समर्थन करने के लिए लंबे समय से उदार रुख अपनाया है।

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