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मध्यप्रदेश में हुए टीकाकरण पर उठीं उंगलिया, आरोप की चार दिनों में इकट्ठा की गई वैक्सीन को महाअभियान के तहत लगाकर रिकॉर्ड बनाया गया ?

पर्यावरण दिवस यानी 21 जून को देशभर में रिकॉर्डतोड़ वैक्सीनेशन हुआ. इस दिन मध्य प्रदेश ने वो कर दिखाया जो कोई अब तक नहीं कर पा रहा था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद पूरे महा टीकाकरण अभियान पर नजर लगाए हुए थे और करिश्मे का टीका ऐसा लगा मध्य प्रदेश ने कई देशों की आबादी से ज्यादा टीका एक ही दिन में लगा दिया. तो सवाल ये उठता है कि आखिर ये सब संभव कैसे हुआ? ऐसा सोमवार को क्या हो गया कि देश में वैक्सीन का कवच रिकॉर्ड तोड़कर लगा.

 देश में पहले 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच भी टीका उत्सव मनाया गया था.  लेकिन 4 दिन के टीकाउत्सव में 1 दिन के भीतर अधिकतम टीका 40 लाख लोगों को ही लग पाया था जो 12 अप्रैल को लगा था.  जबकि 21 जून को महा टीकाकरण उत्सव में कुछ घंटे के भीतर देश में 88 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई.

इसी के बाद राजनीतिक आरोप लगते हैं कि वैक्सीनेशन का अभियान केंद्र के हाथ में जाने के बाद ये दिखाने की कोशिश हो रही है कि देखो हमने कर दिखाया, राज्य नहीं कर पा रहे थे. वैक्सीन वाले इस विवाद में सच क्या है ? वाकई टीकाकरण का कीर्तिमान बना है या फिर वैक्सीन मैनेजमेंट के आरोप सच्चे हैं ?

मध्य प्रदेश में 21 जून को 16 लाख 95 हजार लोगों को वैक्सीन लगी लेकिन इससे पहले के कुछ दिन के आंकड़े देखिए.  20 जून को सिर्फ 692 डोज मध्य प्रदेश में दी गई थी. उससे पहले 19 जून को 22,006 लोगों को वैक्सीन लगी.18 जून को 14,862 लोगों को ,17 जून को 124,226 लोगों को वैक्सीन दी गई. मध्य प्रदेश के ये आंकड़े इस सवाल को जन्म देते हैं

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कि क्या पहले वैक्सीन लगाने की गति को 17 जून से 20 जून के बीच थोड़ा कम किया है, फिर एक साथ उन चार दिनों में इकट्ठा की गई वैक्सीन को 21 जून को महाअभियान के तहत लगाकर रिकॉर्ड बनाया गया ? विपक्ष के आरोपों से जुड़े सवालों को लेकर हम मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तक सच जानने पहुंचे.

प्रदेश के शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमने कोई वैक्सीन को रोककर इकट्ठा नहीं किया, जितनी वैक्सीन आती रही, उतनी लगा दी. अगर मंत्री जी की बातें सच हैं तो सवाल इन आंकड़ों से उठता है कि क्या  13 जून से 16 जून के बीच जहां रोज औसत 228,784 वैक्सीन मध्य प्रदेश में लग रही थी. उसमें 400 फीसदी तक की गिरावट  17 जून से 20 जून के बीच कैसे आ जाती है, जब महा टीकाकरण से ठीक चार दिन पहले रोज औसत 42,850 वैक्सीन ही लगाई जाने लगी. विपक्षी दल आरोप लगाते हैं कि चार दिन में वैक्सीन की डोज इकट्ठी करके उस महाअभियान का मैनेजमेंट किया गया, जिसमें 21 जून को मध्य प्रदेश ने टॉप किया. जनता को विवाद का इंफेक्शन नहीं, वैक्सीन का इंजेक्शन चाहिए.

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