दैनिक सदभावना पाती की 1 साल की मेहनत रंग लाई – प्री लॉन्चिंग के नाम पर अवैध कॉलोनी बेचने वाले कॉलोनाइजर और दलालों पर होगी एफआईआर, जायेंगे जेल

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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जिला प्रशासन ने की बड़ी तैयारी, चूहों की तरह बिल में दुबके फर्जी एजेंट और कॉलोनाइजर

डॉ. देवेंद्र मालवीय  

Pre Launching Projects in Indore। देश के सबसे स्वच्छ शहर पर दाग लगा रहे लुटेरे कॉलोनाइजर और दलालों पर अब जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना चालू कर दिया है। कुछ पर एफआईआर करवा दी गई है, बहुत सारे कॉलोनाइजर और दलालों की कुंडली बनाई जा रही है। अपनी साहसिक छवि के लिए प्रसिद्ध इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस बार रियल स्टेट में हो रहे फर्जीवाड़े को खत्म करने की मंशा से अधीनस्थों को स्पष्ट आदेश देकर इंदौर के लुटेरों की नींद उड़ा दी है। इंदौर मालवा उत्सव से शुरू हुआ कार्यवाही का काम अब रफ़्तार पकड़ रहा है।

पिछले एक साल में प्री लॉन्चिंग के नाम पर अवैध कॉलोनी बेचने की दर्जनों ख़बरें दैनिक सदभावना पाती ने प्रकाशित की और हजारों डिजिटल फिजिकल साक्ष्य जुटाकर प्रशासन को शिकायत भी की जिसका परिणाम यह निकला कि इंदौर की भोली भाली जनता की गाढ़ी कमाई को तरह तरह के प्रलोभन देकर लूटने की नियत से अवैध कालोनी बेच रहे प्रमोटर और एजेंटों पर कार्यवाही हो रही है।

जिला प्रशासन ने पहले ही शुरू कर दी थी कसावट

इंदौर जिला प्रशासन ने शहर के 240 कॉलोनाइजर को भेजे गए नोटिस में कॉलोनी में सुविधाएं देने में हो रही देरी पर जवाब मांगा था, प्रशासन का कहना है कि इन सभी कॉलोनाइजर द्वारा किए गए वादों की स्थिति साफ नहीं हो पाई है इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया। प्रशासन ने कॉलोनी में मिलने वाली सुविधाओं में हो रही देरी के लिए जवाब मांगते हुए उसका कारण भी पूछा था। उसके बाद सांवेर एसडीएम ने रोड पर लग रहे स्टाल्स उठवाये और कुछ कंपनियों पर कार्यवाही की।

चिन्हित कर पहली लिस्ट हुई जारी

जिला पंजियक कार्यालय से अवैध कालोनी बेचने वाले 140 के लगभग नामों की सूचि जारी की गई है, हर क्षेत्र के एसडीएम और तहसीलदारों को सूचि देकर कार्यवाही के आदेश जारी किये गए हैं।

चूहों की तरह बिल में दुबके फर्जी एजेंट और कॉलोनाइजर –

कॉलोनी सेल के प्रमुख एसडीएम प्रदीप सोनी ने कलेक्टर का इशारा मिलते ही ताबड़तोड़ तैयारी चालू कर दी जिसकी खबर ऐसे फर्जी एजेंट और कालोनाइजरों को मिल गई और वो सब चूहों की तरह बिल में छुप गए डर का माहौल यह है कि अब डायरेक्ट फोन पर नहीं व्हाट्सएप कॉल पर बात कर रहे हैं।

हालांकि अवैध कॉलोनी बेचने का खेल बंद नहीं हुआ है बस सतर्कता बढ़ा दी है। अब डायरेक्ट मिलकर या व्हाट्सएप कॉल पर डील फाइनल कर रहे हैं ।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।