प्रदेश का पहला मामला : परीक्षा में नहीं बैठने की शिकायत, इंदौर के श्री वैष्णव बाल मंदिर गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल पर FIR, संचालकों को आरोपी नहीं बनाया,  

sadbhawnapaati
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इंदौर में एक गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल पर छात्राओं के पेरेंट्स ने FIR दर्ज कराई हैं। मामला क्लॉथ मार्केट के वैष्णव बाल मंदिर गर्ल्स हायर सेकंडरी का है।

प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने 8 छात्राओं को ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं करने दी। एग्जाम में भी बैठने नहीं दिया।

पेरेंट्स जब हर जगह शिकायत करके हार गए तो उन्होंने CM हेल्पलाइन में शिकायत की थी। जिसके बाद छत्रीपुरा थाने में प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

पेरेंट्स बोले-ट्यूशन फीस के साथ अन्य फीस भी वसूल रहे थे

राजेश बालोदिया ने बताया कि मेरी बेटी वैष्णव बाल मंदिर गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, राज मोहल्ला में कक्षा 11वीं में पढ़ रही हैं।

यहां आभा जौहरी प्रिंसिपल हैं। जुलाई 2021 में स्कूल खुलने के बाद स्कूल में ऑनलाइन क्लास शुरू की गई। सभी पेरेंट्स से शुरुआत में फीस जमा कराने की बात कही गई।

हमने कहा था कि कोरोना के बाद से कोर्ट ने यह कहा था कि स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस नहीं ले सकेगा। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने अन्य सभी फीस को मिलाकर ट्यूशन फीस बनाकर एक साथ हमसे पूरी फीस वसूल की।

इसका हम सभी विरोध कर रहे थे। लंबे समय से हमने कमिश्नर से लेकर सभी अधिकारियों से शिकायत की।

इसके बाद भी जब कोई रास्ता नहीं मिला तो सभी ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। अब जाकर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

8 बच्चों के पेरेंट्स ने शिकायत की

थाना प्रभारी पवन सिंघल का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी की जांच के बाद पुलिस को FIR दर्ज करने का आवेदन मिला है। इस पूरे घटनाक्रम में 8 बच्चों के पेरेंट्स ने केस दर्ज कराया है।

इन छात्राओं को स्कूल प्रबंधक ने फीस ना भरने के कारण परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। प्रिंसिपल को हिरासत में लेकर आगे कार्रवाई की जाएगी।

पेरेंट्स बोले- हमारे बच्चों का भविष्य कर दिया खराब

छात्राओं के परिजनों का कहना था कि वह जुलाई 2021 से लड़ाई लड़ रहे हैं । कई बार संभाग आयुक्त से लेकर सभी अधिकारियों को आवेदन दे चुके हैं जिसके बाद 29 दिसंबर को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मामले में जांच के बाद पुलिस को प्रतिवेदन भेजा था।

लेकिन पुलिस ने 4 माह बाद इस मामले में FIR दर्ज की है। इस सरकारी लेटलतीफी के चलते उनके बच्चों का भविष्य खराब हो चुका है।

स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट के आदेश का किया उल्लंघन

हाईकोर्ट जबलपुर और मप्र शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के बावजूद शिक्षण शुल्क नहीं मिलने से स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास में बैठने नहीं दिया।

किसी भी छात्र को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित किया जाना जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का उल्लंघन है ।

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