कार्टून शाला का पहला दिन : बच्चों ने बनाना सीखा हाथी, शेर,घोड़ा,जीराफ

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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 इंदौर। स्टेट प्रेस क्लब के तत्वावधान में तीन दिनी कार्टून शाला का आयोजन अभिनवकला समाज के सभागार में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप के समाजसेवी अजय चौरडिय़ा,किशोर कोडवानी,गौरव चतुर्वेदी थे।
बच्चों की कार्टून शाला के सर वरिष्ठ कार्टूनिस्ट देवेन्द्र शर्मा थे। दीप प्रज्वलन के बाद कार्टून शाला का शुभारंभ हुआ।बच्चों की अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज हुई।जिज्ञासा से भरे बच्चों ने देवेंद्र सर से कार्टून की क ई बारिकियों के बारे मे जानकारी ली।
शाला में आज बच्चों ने हाथी, घोड़ा, बिल्ली, जीराफ, शेर, कुत्ते, राजा, रानी, नेता, खिलाड़ी के सरल रूप में कार्टून बनाकर बच्चों को सिखाए।हालांकि बच्चों की इस कार्यशाला में अभिभावकों का भी क्रेज देखने को मिला।
पहले गोला बनाया फिर अंडा सर्कल बनाकर उसमें फिर छोटे छोटे गोले बनाकर जानवरों के साथ इंसानों के कार्टून बनाए।महासचिव नवनीत शुक्ला ने बताया कि कोरोना के चलते दो वर्षों से बच्चों के लिए कोई एक्टिविटी नहीं हो पा रही थी।
क्लब द्वारा इस बार मीडिया कर्मियों के बच्चों के लिए विशेष रूप से कार्टून शाला का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों को ड्राईंग की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। बच्चों की उपस्थिति देखकर लग रहा है कि कार्टून शाला को लेकर उनमें जबरदस्त उत्साह बना हुआ है।
कार्यशाला में हम मनोरंजन के कार्यक्रम भी रखेंगे। बच्चों के लिए ड्राइंग किट के प्रायोजक नवनीत प्रकाशन के अतुल बंसल ने भी बच्चों की हौसला अफजाई की।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।