फिल्मों में महिलाओं को कमतर नहीं दिखाया जाना चाहिए- Bhumi Pednekar |

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sadbhawnapaati
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फिल्मों में महिलाओं को कमतर नहीं दिखाया जाना चाहिए : भूमि अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का मानना है कि फिल्मों में महिलाओं को कमतर दिखाए जाने की सोच में अब बदलाव लाया जाना चाहिए क्योंकि अभिनेत्री के मुताबिक, महिलाओं के अंदर कई शक्तियां निहित हैं। भूमि कहती हैं, हमें लैंगिक भेदभाव के आधार पर बनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। महिलाओं और पुरुषों को दिखाए जाने के ढंग में परिवर्तन लाना चाहिए।

महिलाओं को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए – हममें भी इच्छाएं हैं, महत्वाकांक्षाएं हैं, हमारी भी अपनी शारीरिक व भावनात्मक जरूरते हैं और हममें संतुलन बनाए रखने की भी क्षमता है। मेरे ख्याल से महिलाओं में सुपर पावर है। मुझे लगता है कि हमें फिल्मों में इन्हें दिखाए जाने की आवश्यकता है। भूमि आगे कहती हैं, ठीक इसी तरह से फिल्मों में पुरुषों को जिस अंदाज में पेश किया जाता है, उनमें बदलाव लाने की जरूरत है। हम पुरुषों पर यह कहकर काफी ज्यादा दबाव डाल देते हैं कि उन्हें ताकतवर बनना होगा, वे रो नहीं सकते, अपनी भावनाओं को खुलकर जाहिर नहीं कर सकते। ताकतवर होने का तात्पर्य इन्हीं से है। मर्द को दर्द नहीं होता, इस सोच को बदलने की जरूरत है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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