भारत में पहली बार पेड़ों की कटाई के विरोध में पर्यावरण प्रेमियों ने केश दान कर मुंडन कराया

Rajendra Singh
By
Rajendra Singh
पर्यावरण संरक्षण एवं जैविक खेती के प्रति प्रशिक्षण
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300 वर्ष पुराने पीपल वृक्ष के अंगभंग के विरोध में किया केशदान

इंदौर के लालबाग स्थित गुरुनानक कॉलोनी के बारा मत्था बगीची परिसर में 300 वर्ष पुराने ऐतिहासिक पीपल वृक्ष के निर्दयतापूर्वक अंगभंग के विरोध में नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने एक भावपूर्ण प्रार्थना सभा और दीपदान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया और पीपल वृक्ष के प्रति अपनी संवेदना और आक्रोश व्यक्त किया।

कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:

वृक्ष की महत्ता: उपस्थित नागरिकों ने कहा कि यह पीपल वृक्ष केवल एक पेड़ नहीं था, बल्कि इंदौर की सांस्कृतिक और हरित धरोहर का प्रतीक था।

केश दान: पर्यावरण प्रहरी मुकेश रजत वर्मा और चंद्रशेखर गवली ने वृक्ष को “गुरु स्वरूप” मानकर अपने सिर का मुंडन कर केश दान किया और शहर में हो रही अनियंत्रित वृक्ष कटाई के विरोध का प्रतीकात्मक संदेश दिया।

दीपदान और प्रार्थना: उपस्थित नागरिकों ने दीपदान कर इस वृक्ष के पुनर्जीवन के लिए प्रार्थना की और सामूहिक रूप से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

वृक्ष कटाई का मामला: कार्यक्रम के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि इसी परिसर के तीन अन्य वृक्षों को भी अवैध निर्माण हेतु बेरहमी से काटा गया है। इस संबंध में शिकायत की गई और नगर निगम उद्यान प्रभारी द्वारा स्थल पर आकर पंचनामा तैयार किया गया।

मांगें:

कठोर कार्रवाई: नागरिकों ने प्रशासन से मांग की कि वृक्षों की अवैध कटाई के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
– *हरित विरासत का संरक्षण*: शहर की हरित विरासत को संरक्षित करने हेतु ठोस नीति बनाई जाए।

संकल्प:

हरित धरोहर की रक्षा : सभी नागरिकों ने यह संकल्प दोहराया कि “हम सब मिलकर इंदौर की हरित धरोहर को बचाएंगे, प्रकृति का सम्मान करेंगे और वृक्षों की रक्षा को अपना सामाजिक उत्तरदायित्व बनाएंगे।

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