मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने रायसेन किले में ताले में बंद शिवजी के बाहर से दर्शन किए,संकल्प लेकर अन्न त्यागा

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sadbhawnapaati
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प्रदेश.  मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराब बंदी के लिए जिस तरह दुकान पर पत्थर फेंका था, इस बार उन्होंने रायसेन के किले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की संपत्ति भगवान शिवशंकर के मंदिर के ताले को हाथ नहीं लगाया।
उन्होंने ताले में बंद शिवजी के दर्शन कर जल अर्पित किया। उन्होंने यहां संकल्प लिया कि जब शिव मंदिर का ताला नहीं खुलता तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी।
उल्लेखनीय है कि शिव मंदिर आजादी के बाद से ताले में बंद हैं जिन्हें मुक्त कराने के लिए पिछले दिनों महाशिवपुराण कथावाचक प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने आव्हान किया था।

उसी दौरान उमा भारती ने रामनवमी के अगले दिन सोमेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन करने का ऐलान किया था।

रायसेन किले पर सोमेश्वर मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन है जिस पर ताला लगा दिया गया है। यह ताला साल में एकबार महाशिवरात्रि के दिन ही खुलता है।

इसकी जानकारी कई लोगों को नहीं है और जिससे ताले में बंद भगवान शिव के मंदिर के ताले को खुलवाने की दिशा में कोई आवाज नहीं सुनाई दी है।
प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले ने महाशिवपुराण कथा में इसकी जानकारी दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को इसका ताला खुलवाने का आव्हान किया था।
साथ ही रायसेन के लोगों को इस बात के लिए धिक्कारा था कि वे कैसे दीपावली मना लेते हैं जबकि उनका बुजुर्ग, उनके शिवजी ताले में बंद हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर आज के लिए ऐलान किया था कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि रायसेन के किले में शिवजी मंदिर में ताले में बंद हैं।

इसके लिए उन्होंने भगवान से माफी मांगी और रामनवमी के अगले दिन मंदिर में भगवान के दर्शन करने का कहा था। आज जब वे रायसेन पहुंची तो जिला प्रशासन ने पुलिस प्रबंध किए थे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन होने से मंदिर का ताला नहीं खोला गया। शासकीय प्रक्रिया का हवाला देते हुए उमा भारती ने भगवान को बाहर से जल अर्पित किया और उनके दर्शन किए।

क्या है रायसेन का किला

रायसेन का किला राजा पूरणमल का है जिस पर अफगानी शासक शेरशाह सूरी ने धोखे से कब्जा किया था। शेरशाह सूरी ने हमला कर राजा पूरणमल और उनकी पत्नी व बच्चों को बंदी बना लिया था।
राजा पूरणमल ने पत्नी रानी के आग्रह पर उनकी हत्या कर दी थी और शेरशाह सूरी ने फिर उन्हें मार डाला था। शेरशाह ने बेटे की भी हत्या कर दी थी। बेटी को वैश्यालय को सौंप दिया था।
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