इंदौर क्राइम न्यूज़. ठगी के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बार ऑनलाइन एप से ठगी का मामला सामने आया है। टिक-टॉक की तर्ज पर डिंग-डांग एप बनाकर लोगों से ठगी की गई।
एप पर वीडियो अपलोड करने के बदले रुपये देने का झांसा दिया और बाद में ठगी कर ली। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक दो साल पहले 7 मिलियन नेटवर्क कंपनी ने अपना एक डिंगडांग एप बनाया था। वीडियो अपलोड करने वाले लोगों की प्रोफाइल देखकर कंपनी के कर्मचारी अपनी माइक्रो फाइनेंस कंपनी बताकर लोगों से पैसा इन्वेस्ट कराते। कुछ समय तक ब्याज देने के बाद अपना मोबाइल बंद कर लेते थे।
इस मामले में कई लोगों ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके नाम सुशील भाटिया निवासी आलोक नगर कनाड़िया और मैनेजर राहुल उर्फ रामप्रकाश पिता शिवराम गुप्ता है। इनके पांच बैंक खाते सील कर दिए हैं।
पुलिस अभी लेनदेन और अकाउंट की डिटेल चैक कर रही है। पुलिस का मानना है कि ठगी का ये आंकड़ा करोड़ों में हो सकता है। पुलिस यह जानकारी जुटा रही है कि आरोपियों ने जो रुपये ठगी से कमाए हैं उससे कितनी संपत्ति खरीदी है। आरोपियों के कमाई और इन्वेस्ट की जानकारी भी जुटा रही है।
निवेश के बाद कर देते निवेशक को ब्लॉक
आरोपी डिंगडांग एप पर लोगों के वीडियो अपलोड करवाते। बदले में रिवॉर्ड और कैश देते थे। इससे लोग एप पर बने रहते थे। यहीं से कंपनी लोगों की प्रोफाइल और डाटा ले लेती थी।
ये नंबर अपने कर्मचारियों को देकर कॉल लगवाते थे। पर लोगों को ये नहीं बताते थे कि उनका नंबर डिंगडांग एप से मिला है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि डिंगडांग एप हमारे लिए लोगों का डाटा इकट्ठा करने का जरिया मात्र था।
यहां से नंबर लेकर हम लोगों को फोन लगाते थे। लोगों को भरोसे में लेते थे कि हमारी माइक्रो फाइनेंस कंपनी है और हम कम ब्याज पर पैसा देते हैं। आप निवेश करेंगे तो अच्छा रिटर्न मिलेगा।
पेड एप्लीकेशन के जरिए जैसे ही कोई व्यक्ति लॉग इन करता था तो उसकी पूरी प्रोफाइल कंपनी के पास आ जाती थी।
इस एप को उन्होंने दो साल पहले लांच किया था। दो साल में देशभर के हजारों लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया। इन सभी लोगों का डाटा कंपनी के पास मौजूद है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी में निवेश कराने के लिए लोगों को 15 प्रतिशत रिटर्न का लालच देते थे। एक बार निवेश कराने के बाद कुछ समय तक पैसा देते, लेकिन बाद में निवेशक को ब्लॉक कर देते। अपना मोबाइल भी बंद कर लेते थे।