शैक्षणिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की होगी पढ़ाई, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में बीएड कोर्स पायलट मोड पर चलाने की अधिसूचना जारी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शैक्षणिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की पढ़ाई होगी। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने केंद्र और राज्य सरकारों के बहु-विषयक विश्वविद्यालयों और संस्थानों में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड कोर्स पायलट मोड पर चलाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
इसके साथ ही एनसीटीई ने इन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की विंडो ओपन कर दी है। इच्छुक उम्मीदवार 31 मई , रात 11.59 तक ऑनलाइन आवेदन पत्र भर सकते हैं। इन कोर्स में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) नेशनल कॉमन एंट्रेस टेस्ट (एनसीईटी) आयोजित करेगा। इसकी मेरिट स्कोर के आधार पर सीट मिलेगी।

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव केसांग यांगज़ोम शेरपा की ओर से रविवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। इसमें लिखा है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड के लिए ऑन लाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं।

इससे पहले पिछले वर्ष अक्तूबर में जारी अधिसूचना के अनुसार, आईटीईपी एक दोहरी-वृहद समग्र स्नातक डिग्री है। इसमें बीए बीएड, बीएससी-बी.एड और बीकॉम-बीएड पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाए जाएंगे।

इसे  देश भर के केंद्र और राज्य सरकार के बहु-विषयक विश्वविद्यालयों व संस्थानों में पायलट मोड में शुरू किया जा रहा है।  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा एक राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) की मेरिट स्कोर के आधार पर सीट मिलेगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार, इस कार्यक्रम का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया है कि यह एक छात्र-शिक्षक को शिक्षा के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र या वाणिज्य जैसे विशेष विषय में डिग्री प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
इसमें अत्याधुनिक शिक्षा की जानकारी के साथ प्रारंभिक बचपन, देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) व समावेशी शिक्षा आदि के बारे में भी पढ़ाया जाएगा।

वर्ष 2030 से चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम से होगा शिक्षकों का चयन


एनईपी के तहत 2030 से स्कूल में शिक्षकों का चयन चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के आधार पर ही होगा।  इस नए कोर्स से छात्रों के एक साल की बचत भी होगी। अभी तक साल स्नातक डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई में निकल जाते हैं।
उसके बाद दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम की पढ़ाई। इस प्रकार अभी तक पांच साल में बीएड कर पाते हैं। यदि कोई छात्र 12वीं कक्षा के बाद शिक्षक क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहता होगा तो वह सीधे बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड में दाखिला ले सकता है।
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