दुनियाभर में मदर्स डे के आगमन की तैयारियां जोरों पर हैं। दुनियाभर में माताओं को समर्पित यह दिन मई माह के दूसरे रविवार को आता है। समूचे विश्व में इस दिन महिलाओं विशेषकर माताओं का सम्मान किया जाता है। कई देशों में सामूहिक आयोजन होते हैं तो कुछ देशों में यह दिन अवकाश के तौर पर स्वीकृत है। तो वहीं कुछ देशों में बच्चे अपनी माताओं को फूल, गुलदस्ते और तोहफे देते हैं। अलग-अलग देशों में स्थानीयता संस्कृति और परंपराओं के आधार मां के प्रति सम्मान जाहिर करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन हम यहां बात करने वाले हैं मदर्स डे के प्राचीन रोम और ग्रीक समुदाय से नाते की।
इस दिन का प्राचीन रोम और ग्रीक समुदाय से एक विशेष नाता है। वहां सदियों से मदर्स डे मनाया जाता है। लेकिन इसका महत्व न केवल ऐतिहासिक है बल्कि धार्मिक जुड़ाव भी है। ग्रीक रिया पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां के सम्मान में ग्रीस और रोम में स्प्रिंग फेस्टिवल के दौरान कई आयोजन होते हैं। वहां के निवासी क्रोनस की पत्नी और कई देवताओं की मां रिया देवी का सम्मान करते हैं या कहा जाए तो उन्हें याद करते हैं।
जबकि प्राचीन रोमवासी हिलारिया नामक अपना अलग वसंत उत्सव मनाते हैं। इस उत्सव के दौरान, मातृ देवी साइबेले को याद किया जाता है या पूजा जाता है। वर्तमान दौर में ग्रीस में दोनों सेकुलर संडे के रूप में जाना जाता है। प्राचीन रोमवासियों की देवी मां साइबेले को समर्पित वसंत उत्सव हिलारिया तीन दिनों तक चलता है। इस उत्सव में परेड, खेल और स्वांग जलसे शामिल होते हैं।
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हालांकि, 1600 के दशक में इंग्लैंड में मदर्स डे का एक और आधुनिक संस्करण शुरू हुआ। यूनाइटेड किंगडम और यूरोप के कुछ हिस्सों में एक प्रमुख परंपरा बन गया और मई माह के चौथे रविवार को मनाया जाने लगा। इस दिन लोग अपने अपने मातृ चर्च यानी जन्मस्थान वाले चर्च में आते और विशेष प्रार्थना करते थे। इसके चलते ग्रीक और रोम वासियों की परंपरा में कई बदलाव हुए। 1930 और 1940 के दशक में अमेरिकी मदर्स डे के साथ विलय से पहले यह प्रथा अंततः लोकप्रियता में फीकी पड़ गई।
लेकिन वैश्विक स्तर पर अमेरिकी मदर्स डे को ही आधिकारिक तौर पर मातृ दिवस यानी मदर्स डे स्वीकार किया गया। इसका आयोजन 1900 के दशक में एन रीव्स जार्विस की बेटी एना जार्विस के प्रयासों से वेस्ट वर्जीनिया में शुरू हुआ। एना जार्विस ने 1905 में अपनी मां की की मृत्यु के बाद, माताओं द्वारा अपने बच्चों के लिए अपने बलिदान के सम्मान के रूप में मदर्स डे की कल्पना की थी। इसके तीन साल बाद यानी 1908 में एना जार्विस ने वेस्ट वर्जीनिया के सेंट एंड्रयूज मेथेडिस्ट चर्च में मां के सम्मान में एक स्मारक रखा। इस पहल से संयुक्त राज्य अमेरिका में मदर्स डे को लेकर अभियान छिड़ गया और 1911 में मदर्स डे को मान्यता दी गई।
इसके बाद साल 1941 में वुडरो विल्सन ने मई के महीने में दूसरे रविवार को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करते हुए एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। समय के साथ क्रिश्चियन समुदाय की मदरिंग संडे परंपरा एक अधिक धर्मनिरपेक्ष अवकाश में परिवर्तित हो गई। बच्चे अपनी माताओं को फूलों और प्रशंसा पत्र, कार्ड के तोहफे देने लगे। इस बीच, यूनान में 1960 के दशक में यप्पांती के उत्सव ने अपनी लोकप्रियता खो दी और यूनानियों ने मई के दूसरे रविवार को पश्चिम के बाकी हिस्सों तरह मदर्स डे मनाना शुरू कर दिया, भले ही चर्च उत्सव के पुराने पैटर्न पर जोर देते हैं। इसके बाद से ही मदर्स डे मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा।
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