Ganpati Bappa क्यों कहलाते हैं लंबोदर-गजानन, जानिए पूरी कथा |

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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विकट – कहा जाता है भगवान विष्णु ने जलंधर नामक राक्षस के विनाश के लिए उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया. उसके बाद एक दैत्य उत्पन्न हुआ, उसका नाम था कामासुर. पौराणिक कथाओं के अनुसार ‘कामासुर ने शिव की आराधना करके त्रिलोक विजय का वरदान पा लिया. इसके बाद उसने अन्य दैत्यों की तरह ही देवताओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिए. तब सारे देवताओं ने भगवान गणेश का ध्यान किया.

तब भगवान गणपति ने विकट रूप में अवतार लिया. विकट रूप में भगवान मोर पर विराजित होकर अवतरित हुए. उन्होंने देवताओं को अभय वरदान देकर कामासुर को पराजित किया.’ गजानन – इस अवतार के बारे में आपने पढ़ा ही होगा. जी दरअसल एक बार धनराज कुबेर से लोभासुर का जन्म हुआ. वह शुक्राचार्य की शरण में गया और उसने शुक्राचार्य के आदेश पर शिवजी की उपासना शुरू की. शिव लोभासुर से प्रसन्न हो गए और उन्होंने उसे निर्भय होने का वरदान दिया. उसके बाद लोभासुर ने सारे लोकों पर कब्जा कर लिया. तब देवगुरु ने सारे देवताओं को गणेश की उपासना करने की सलाह दी. उस समय गणेश ने गजानन रूप में दर्शन दिए और देवताओं को वरदान दिया कि मैं लोभासुर को पराजित करूंगा. गणेशजी ने लोभासुर को युद्ध के लिए संदेश भेजा. शुक्राचार्य की सलाह पर लोभासुर ने बिना युद्ध किए ही अपनी पराजय स्वीकार कर ली. लंबोदर – इस नाम के पीछे भी एक कहानी है. जी दरअसल क्रोधासुर नाम के दैत्य ने ने सूर्यदेव की उपासना करके उनसे ब्रह्माण्ड विजय का वरदान ले लिया. क्रोधासुर के इस वरदान के कारण सारे देवता भयभीत हो गए. वो युद्ध करने निकल पड़ा. तब गणपति ने लंबोदर रूप धरकर उसे रोक लिया. क्रोधासुर को समझाया और उसे ये आभास दिलाया कि वो संसार में कभी अजेय योद्धा नहीं हो सकता. क्रोधासुर ने अपना विजयी अभियान रोक दिया और सब छोड़कर पाताल लोक में चला गया.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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