ग्लोबल कोविड वर्चुअल समिट : पीएम मोदी बोले – भारत ने 98 देशों में 200 मिलियन वैक्सीन की डोज सप्लाई की

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरे वैश्विक कोविड शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। वर्चुअल संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी जीवन को बाधित करती है। यह आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करती है और खुले समाज के लचीलेपन का परीक्षण करती है। भारत में हमने महामारी के खिलाफ एक जन-केंद्रित रणनीति अपनाई है।

उन्होंने कहा कि हमने अपने वार्षिक स्वास्थ्य देखभाल बजट में अब तक का सबसे अधिक आवंटन किया है। हमारा टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है। हमारा टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है।

हमने लगभग 90 फीसदी वयस्क आबादी और 50 मिलियन से अधिक बच्चों को पूरी तरह से टीका लगाया है। भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित चार टीकों का निर्माण करता है और इस वर्ष 5 बिलियन खुराक का उत्पादन करने की क्षमता रखता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने 98 देशों को 200 मिलियन कोविड वैक्सीन की डोज सप्लाई की है। भारत ने परीक्षण, उपचार और डेटा प्रबंधन के लिए कम लागत वाली कोविड शमन तकनीक विकसित की है। हमने अन्य देशों को भी इन क्षमताओं की पेशकश की है।

कोविड पर अमेरिका द्वारा आयोजित दूसरे डिजिटल वैश्विक शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने जांच, उपचार और डेटा प्रबंधन के लिए कम कीमत वाली ‘कोविड मिटिगेशन प्रौद्योगिकी’ विकसित की।

हमने इन क्षमताओं को अन्य देशों से साझा किया। वायरस को लेकर वैश्विक डेटाबेस के लिए भारत के ‘जेनोमिक्स कंर्सोर्टियम’ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य से जुड़ी आपात चुनौतियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक उपायों की आवश्यकता है। हमें दुरूस्त वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना चाहिए तथा टीकों व दवाओं की न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए।

उन्होंने डब्ल्यूएचओ में सुधार के साथ ही उसे मजबूत किए जाने पर बल दिया, ताकि अधिक लचीला वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा सके। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के नियम, विशेष रूप से ट्रिप्स (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलू) को अधिक लचीला बनाने की की आवश्यकता पर बल दिया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।