सरकार ने बदला नियम : अब होटल और रेस्टोरेंट नहीं वसूल सकेंगे मनमाना सेवा शुल्क, सीसीपीए का आदेश

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sadbhawnapaati
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जबरदस्ती वसूली पर होगी कार्रवाई

सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए ने सर्विस चार्ज को लेकर नए नियम जारी किए हैं सीसीपीए की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार अब से कोई भी रेस्त्रां अपने उपभोक्ताओं को सेवा देने के बदले सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं।

अगर कोई रेस्टोरेंट अपने बिल में सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक रेस्त्रां के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में ई-दाखिल शिकायत (edaakhil.nic.in) कर सकता है। नए नियम के अनुसार सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहक पर निर्भर करेगा, रेस्टोरेंट इसके लिए किसी भी तरीके से ग्राहकों को बाध्य नहीं कर सकता है।

आपको बता दें कि देश में पिछले कुछ समय से रेस्त्रां में सर्विस चार्ज वसूले जाने पर बहस चल रही थी। अब कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की होटल और रेस्टोरेंट्स को सर्विस चार्ज वसूलने से रोकने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि सर्विस चार्ज गैरकानूनी है। वहीं रेस्टोरेंट एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि सर्विस चार्ज  गैर-कानूनी नहीं है। इस परिस्थिति को देखते हुए अब सीसीपीए की की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई  है।

कई बार ग्राहकों की मर्जी के बिना वसूला जाता है सर्विस चार्ज?

हमारे देश के अधिकतर होटल और रेस्त्रां अपने ग्राहकों से सर्विस चार्ज वसूलते हैं। खाने के बिल का 5 फीसदी से 15 फीसदी तक सर्विस चार्ज वसूला जाता है। बता दें कि यह चार्ज 5 फीसदी जीएसटी (होटल के अंदर वाले रेस्त्रां में 18 फीसदी जीएसटी) के अलावा लगता है। ऐसे में ग्राहक पर जीएसटी के अतिरिक्त सर्विस चार्ज का बोझ पड़ता है। यही वजह है कि अधिकतर रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज वसूले जाने की बात इसकी दर के साथ मेन्यू में या फिर रेस्टोरेंट के मेन गेट पर ही लिख दिया जाता है।

इस मामले में बोलते हुए कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि रेस्त्रां किसी भी तरह के बिल में ग्राहक की इच्छा के बिना सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते हैं। उन्होंने कहा है कि सर्विस चार्ज ग्राहकों के लिए वैकल्पिक है। उन्होंने कहा कि अगर रेस्त्रां को लगता है कि कर्मचारियों को कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए तो इसे ग्राहकों पर थोपा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेस्त्रां यह नहीं कह सकते कि सर्विस चार्ज पर रोक लगाने से उन्हें नुकसान होगा। रेस्त्रां इसके बजाय अपने मेन्यू में मौजूद खाद्य पदार्थों  कीमतें बढ़ा सकते हैं या अपने कर्मियों को पे हाइक दे सकते हैं।

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