हाईकोर्ट में यह मामला पीएचई विभाग में कार्यरत कर्मियों ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह की ओर से दायर किया था, जिसमें राहत चाही गई थी कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 18 जून 2018 में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि शासन स्तर पर की जाने वाली समस्त प्रकार की सीधी भर्तियों में (क्लास वन तथा क्लास टू) को छोड़कर कम से कम 5 वर्ष से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 20 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा और उक्त आरक्षण का लाभ सिर्फ एक बार ही दिया जाएगा। इतना ही नहीं जिस पद पर संविदा पर हैं उस पद की 90 फीसदी सैलरी भी दी जाएगी।
मध्य प्रदेश के लगभग 38 विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों को कुछ विभागों द्वारा तो 90 फीसदी सैलरी दी जा रही है तथा कुछ विभागों में फिक्स सैलरी दी जा रही है। लेकिन शासन स्तर पर की जाने वाली सीधी भर्तियों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है।