कोरोना के नए ‘ओमिक्रॉन’ वेरिएंट के खतरों के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है. अमेरिकी दवा निमार्ता मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि साधारण दो खुराक के मुकाबले उसकी बूस्टर खुराक नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है.
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि उसकी वैक्सीन की दो खुराकों ने ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कम संख्या में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज पैदा कीं, लेकिन 50 माइक्रोग्राम की बूस्टर खुराक ने वेरिएंट के खिलाफ 37 गुना अधिक न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज पैदा कीं. मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन बैंसेल ने बयान में इसकी पुष्टि की है. कंपनी के अनुसार, 100 माइक्रोग्राम की बूस्टर खुराक देने पर एंटीबॉडीज का स्तर और भी बढ़ गया और 83 गुणा अधिक न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज पैदा हुईं. माडर्ना ने कहा, बूस्टर की पूरी खुराक का असर और भी ज्यादा था, जिससे एंटीबॉडी के स्तर में 83 गुना वृद्धि हो गई.
मॉडर्ना के अनुसार, यह प्रारंभिक प्रयोगशाला डेटा है और इसकी अभी तक वैज्ञानिक समीक्षा नहीं हुई है. चूंकि परिणामों की अभी तक पूर्ण रूप से समीक्षा नहीं की गई है, इसलिए कंपनी की योजना सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ डेटा साझा करने की है. कंपनी ने कहा कि वह एक ओमिक्रॉन-विशिष्ट बूस्टर कैंडिडेट भी विकसित करना जारी रखेगी, जिसे 2022 की शुरूआत में नैदानिक परीक्षणों में प्रवेश करना चाहिए.
‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ के तौर पर बताया जा रहा ‘ओमिक्रॉन’ अब तक लगभग 90 देशों में फैल चुका है. इसके बारे में कहा जा रहा है कि यह अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले अधिक संक्रामक है और वैक्सीन का भी इस पर कोई खास असर नहीं होता है.
इजराइली शोधकतार्ओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, फाइजर की कोविड वैक्सीन का तीसरा शॉट भी नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है. हालांकि, चीन की सिनोफार्म द्वारा विकसित कोविड की एक बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देते हुई दिखाई दी है.