इससे पीड़ित में रेटनोपैथी, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसे अनेक नेत्र रोग होने की संभावना दूसरों की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
ब्लड शुगर में होने वाले उतार-चढ़ाव उन ब्लड नलिकाओं को डैमेज कर देता है, जो आंखों को ब्लड की सप्लाई भी करते हैं। इमेज और कलर बिल्कुल धुंधले दिखाई देने लगते हैं और इससे रेटिना में भी सूजन आ जाती है। इंडस हेल्थ प्लस में प्रीवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट कहते हैं, डायबिटीज से कई बॉडी पार्ट्स प्रभावित होते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभाव आंखों पर ही पड़ता है।
आंखों को नुकसान
कम दिखाई देना।
काले धब्बे दिखना।
आंखों में दर्द।
आंखों के कोनों से देखने में कठिनाई महसूस करना।
क्या करना रहेगा फायदेमंद?
सनग्लास का यूज: आंखों की सुरक्षा के लिए धूप में जाते समय धूप का चश्मा अवश्य पहनें। साथ ही, बहुत ज्यादा फल भी खाएं। इससे आंखों की नेत्र ज्योति में बहुत अधिक सुधार आता है, जिससे आंखों पर डायबिटीज का असर बहुत कम होता है।
लें सही डाइट: हरी सब्जियां खूब खाएं। इसके अलावा, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स वाली डाइट भी बेहद लाभदायक होती है। ये आंखों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
स्मोकिंग को छोड़े: स्मोकिंग से आंखों की ब्लड नलिकाएं प्रभावित होती हैं और इससे आंखों का दबाव बहुत बढ़ सकता है, जिससे आंखों को नुकसान पहुंचता है। इससे बॉडी में दूसरी कई तरह की प्रॉब्लम्स भी आती है। आंखों की केयर के लिए सबसे पहले स्मोकिंग छोड़ना बहुत जरूरी है।
आंखों की जांच: ट्रीटमेंट लेने से पहले अपने आई एक्सपर्ट से जांच अवश्य कराएं।