Health News – प्रीकॉशन डोज और बूस्‍टर डोज में अंतर, कब और किसे लगेगा, जानें

sadbhawnapaati
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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे से सतर्क रहने के देश को संबोधित करते हुए अपने भाषण में ‘प्रीकॉशन डोज’ शब्द का इस्तेमाल किया था उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों, फ्रंटलाइन पर तैनात कर्मियों, लाइलाज बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन की प्री-कॉशन डोज भी लगाने को तैयार है। जबकि दुनियाभर में कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट से बचने और कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के बाद दी जाने वाली तीसरी डोज को बूस्टर डोज ही कहा जा रहा है। आइए जानते है कि प्रीकॉशन डोज कैसे बूस्‍टर डोज से अलग है?
‘प्रीकॉशन’ डोज क्या है?फिलहाल, ‘प्रीकॉशन’ डोज की कोई सटीक परिभाषा नहीं है। लेकिन कोविड टीकाकरण पर तकनीकी टीम द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, कोविड वैक्सीन की तीसरी खुराक पहले दो खुराक से अलग प्लेटफॉर्म पर आधारित वैक्सीन की होनी चाहिए। ये फिलहाल 60 वर्ष से अधिक और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए प्लान की जा रही है।क्या है बूस्‍टर डोज?

बूस्टर वैक्सीन खुराक एक अतिरिक्त शॉट है जो उन लोगों के लिए दिया जाना है जिनकी प्रतिरक्षा पूरी तरह से टीकाकरण के पांच से छह महीने बाद कम हो जाती है (यानी, दोनों वैक्सीन शॉट प्राप्त करना)। जबकि बूस्टर शॉट्स के उपयोग पर तेजी से विचार किया गया है क्योंकि क्लीनिकल रिसर्च के अनुसार वर्तमान में मौजूद वैक्सीन मॉडल ने कोरोना वायरस के कुछ वेरिएंट के समक्ष लड़खड़ाती प्रतिरक्षा का प्रदर्शन किया है, कई देशों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने लोगों को घातक COVID-19 वेरिएंट के जोखिमों से बचाने के लिए उनका उपयोग करने पर विचार किया है।

क‍िसे मिलेगा प्रीकॉशन डोज

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आरएस शर्मा ने बताया 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग आबादी, जो कोमोरबिडिटी के साथ कोविड -19 की प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र हैं, उन्हें खुराक लेने के लिए एक कोमोरबिडिटी सर्टिफिकेट लाना होगा। उन्होंने बताया कि सरकार की कॉमोर्बिटिज लिस्ट में 22 बीमारियां शामिल हैं, जिसमें डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, स्टेमसेल ट्रांसप्लांट, कैंसर

सिरोसिस, सिकल सेल डिजीज, प्रोलॉन्गड यूज ऑफ स्टेरॉयडस, इम्यूनोसप्रैसेंट ड्रग्स, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक, हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग, मूकबधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसेबिलिटी, गंभीर रेस्पिरेटरी डिजीज से दो साल अस्पताल में रहें हों, बीमारियां शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात को 60+ उम्र वाले ऐसे बुजुर्गों को 10 जनवरी से वैक्सीन की प्री-कॉशन डोज देने की घोषणा की थी.

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