Health News – वैज्ञानिकों ने निकाला ओमीक्रॉन और कोरोना के वैरिएंट्स का तोड़

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

कोरोना ने साल 2020 से आतंक मचाया हुआ है. जिसकी दहशत साल 2022 में भी लगातार बनी हुई है. पूरी दुनिया पिछले दो सालों से इस वायरस से जंग लड़ रही है. इस दौरान इसके नए-नए वैरिएंट्स ने लोगों के मन में खौफ पैदा कर दिया है. इस बीच एक राहत की बात ये कि एक नई स्टडी के मुताबिक पता चला है कि सर्दी-जुकाम से बॉडी में कोविड से लड़ने की इम्यूनिटी बढ़ती है. ये स्टडी लंदन के साइंटिस्ट ने की है.

स्टडी में शामिल साइंटिस्ट का कहना है कि आम खांसी छीकें T कोशिकाओं को बढ़ाती है. ये ही सेल्स बॉडी में वायरस की पहचान करते है. डॉक्टर्स के मुताबिक, “हमने पाया कि पहले से मौजूद T कोशिकाओं के हाई लेवल से कोविड संक्रमण से बचा सकता हैं. ये एक महत्वपूर्ण खोज है लेकिन ये सुरक्षा का केवल एक रूप है सिर्फ इसी पर अकेले भरोसा नहीं किया जा सकता. कोरोना से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वैक्सीन की दोनों डोज बूस्टर लगवाएं.’

स्टडी में ये भी पता चला है कि इंफेक्शन को खत्म करने वाली टी कोशिकाएं दूसरे संक्रमण के खिलाफ भी काम करती हैं. टी कोशिकाएं जिन प्रोटीन की पहचान करती हैं, वह बेहद कम म्यूटेंट होते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर नई वैक्सीन में भी इन प्रोटीन को शामिल किया जाए तो मौजूदा भविष्य में आने वाले कोरोना के अन्य वेरिएंट्स से बचा जा सकता है.

ये स्टडी 52 लोगों के एक ग्रुप पर की गई थी. जिन्हें कोरोना के पेशंट्स के साथ रखा गया था. स्टडी में पाया गया कि इन लोगों में से सिर्फ आधे लोग ही कोरोना से संक्रमित हुए. ब्लड टेस्ट से पता चला कि इंफेक्शन से बचने वाले इन लोगों में टी कोशिकाएं बहुत ज्यादा क्वांटिटी में थीं. इन लोगों को पहले कोरोना हो चुका था. साइंटिस्ट के मुताबिक, हमारे आसपास कम से कम चार तरह के कोरोना वायरस हैं जो रोजाना लोगों को संक्रमित करते हैं. इनमें से किसी एक से आम सर्दी-जुकाम होता है.

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।