हाईकोर्ट ने नाबालिग की हिरासत में मौत मामले में पुलिस को नोटिस जारी किया, सीबीआई जांच की मांग

sadbhawnapaati
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Indore News। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक 16 वर्षीय नाबालिग बालक शैलेन्द्र की कथित पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह याचिका एडवोकेट सागर प्रजापत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि थाना लसूड़िया, इंदौर की पुलिस ने शैलेन्द्र को अवैध रूप से हिरासत में लिया और बाद में उसका शव रेलवे लाइन के पास मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर कई गंभीर चोटों की पुष्टि हुई है।

एडवोकेट सागर प्रजापत ने अपनी दलीलों में कहा कि पुलिस की कहानी संदेहास्पद है क्योंकि पूरे शरीर पर चोटों के निशान स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि यह स्वाभाविक मृत्यु नहीं थी। इसके विपरीत, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 27.05.2025 को प्रस्तुत की गई अंतिम रिपोर्ट में कहा गया कि डॉक्टर के अनुसार मृतक के शरीर पर मारपीट के कोई निशान नहीं थे। यह निष्कर्ष पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मेल नहीं खाता, जिससे मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर भी सवाल उठते हैं।

हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट तलब की है और संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने स्वतंत्र एजेंसी, विशेष रूप से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की है, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके।

यह मामला एक नाबालिग की मृत्यु से जुड़ा है, जिस पर पुलिस कस्टडी में अत्याचार और कर्तव्य के घोर उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित परिवार ने निष्पक्ष जांच, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है।

 

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