अदानी विवाद पर पहली बार गृह मंत्री शाह ने रखी अपनी बात बोले, सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है, मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अदानी विवाद पर पहली बार अपनी बात रखी। अदानी से जुड़े मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा, परंतु इसमें भाजपा के लिए कुछ छिपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है। भाजपा द्वारा कई शहरों के नाम बदलने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा एक भी शहर ऐसा नहीं है, जिसका पुराना नाम न हो और बदला है। इस पर बहुत सोच-समझकर हमारी सरकारों ने फैसले लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएफआई कैडर पर कई मामले थे उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका। हमने PFI को सफलतापूर्वक बैन किया। पीएफआई देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था। आतंकवाद का एक प्रकार से सामग्री तैयार करने का काम वे लोग कर रहे थे। त्रिपुरा चुनाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा हमने कि चलो पलटाई का नारा त्रिपुरा की स्थिति बदलने के लिए दिया था और आज हमने स्थिति को बदला है। हमने बजट अच्छा किया है। हमने हिंसा को समाप्त किया है। नशे के कारोबार पर कठोरता से नकेल कसी है।
2024 लोकसभा चुनाव पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2024 में कोई स्पर्धा नहीं है, देश एकतरफा मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है। देश की जनता को तय करना है, अभी तक तो लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का लेबल जनता ने किसी को नहीं दिया है। भारत द्वारा जी-20 की मेजबानी करने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर पीएम मोदी के समय में जी-20 का नेतृत्व भारत को मिला है और जी-20 यशस्वी तरीके से संपन्न होता है तो इसका यश मोदी को मिलना ही चाहिए। क्यों न मिले? अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे-बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए। पीएम मोदी का काम देश और दुनिया के सामने गौरव के साथ रखा जाना चाहिए। ये पूरे भारत का गौरव है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।