भारत में जाति से बाहर शादी करने पर हर साल मार दिए जाते हैं सैकड़ों युवा : जस्टिस चंद्रचूड़

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sadbhawnapaati
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नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत में सैकड़ों युवा केवल ऑनर किलिंग के कारण मार दिए जाते हैं। उनकी गलती केवल यह होती है कि वे किसी से प्यार करते हैं या परिवार के विरुद्ध जाते हुए अपनी जाति के बाहर शादी करते हैं।
सीजेआई ने कहा कि नैतिकता एक बेहद तरल अवधारणा है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होती है। उन्होंने एक लेख का हवाला दिया जिसमें बताया गया था कि कैसे 1991 में उत्तर प्रदेश में एक 15 वर्षीय लड़की को उसके माता-पिता ने ही मार डाला था।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा लेख में कहा गया है कि ग्रामीणों ने अपराध स्वीकार कर लिया। उनके कार्य स्वीकार्य और न्यायसंगत थे (उनके लिए) क्योंकि उन्होंने उस समाज के आचार संहिता का अनुपालन किया जिसमें वे रहते थे।
हालांकि क्या यह तर्कसंगत लोगों द्वारा आचार संहिता है जिसे आगे रखा गया होगा? प्यार में पड़ने या अपनी जाति के बाहर शादी करने या अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध शादी करने के लिए हर साल कई लोग मारे जाते हैं।
सीजेआई ने कहा नैतिकता अक्सर प्रभावशाली समूहों द्वारा तय की जाती है। उन्होंने कहा कि कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समूहों के सदस्यों को प्रमुख समूहों को प्रस्तुत करने के लिए मजबूर किया जाता है और उत्पीड़न के कारण संस्कृति विकसित नहीं हो पाती है।
सीजेआई ने कहा कि हाशिए पर पड़े समुदायों से संबंधित सदस्यों के पास अपने अस्तित्व के लिए प्रमुख संस्कृति को प्रस्तुत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा उत्पीड़क समूहों के हाथों अपमान और अलगाव के कारण समाज के कमजोर वर्ग एक संस्कृति को चुनौती देने में असमर्थ हैं। वहीं केंद्र सरकार के साथ सुप्रीम कोर्ट का टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।