शहीद पार्क को ठेके पर देगा प्राधिकरण लॉकडाउन के बाद आईडीए निकालेगा टेंडर

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इंदौर । पूर्वी रिंग रोड के समीप वर्ष 2016 में शहीद पार्क के निर्माण की शुरुआत हुई जो आज तक काम चल रहा है। अब इसे प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी है और लॉकडाउन के समाप्ति के बाद अंतिम फैसला होगा और इसके बाद ही प्राधिकरण टेंडर भी जारी कर सकता है।

शहीद पार्क में देश के लिए शहीदों की कहानी कहने वाले और युद्ध में काम आने वाले शस्त्र की जानकारी यहां दी गई है। बीते कुछ वर्षों से इसे बीएसएफ से लेकर होमगार्ड आदि को सौंपने की तैयारी थी ताकि बीएसएफ द्वारा अपनी चित्र प्रदर्शनी से लेकर यहां पर शहीदों की स्मारक की देखभाल भी बेहतर कर सकता था लेकिन उस विभाग ने भी मना कर दिया है। होमगार्ड विभाग की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया तो अब प्राधिकरण द्वारा निजी हाथों में सौंपने के लिए टेंडर निकालने की तैयारी है।

तकरीबन 4 करोड़ रुपए की लागत से शहीद पार्क का निर्माण आज भी किया जा रहा है जहां ऑडिटोरियम से लेकर आर्ट गैलरी और शहीदों के इतिहास को दीवारों पर उकेरा गया है। पार्क को तैयार करने के पीछे आम जनता को सेना के कामकाज और शहीदों की कहानी और युद्ध में उपयोग किए जाने वाले शस्त्रों की जानकारी देना है।

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यही कारण है कि विकास प्राधिकरण ने पहले आर्मी या बीएसएफ को देने के लिए कई पत्र लिखे तो सैन्य जनरल प्रमुखों को भी पत्र लिखा गया लेकिन वहां से कोई जवाब ही नहीं आया मध्य प्रदेश पुलिस, नगर निगम, पुरातत्व विभाग के साथ-साथ पर्यटन विभाग सहित सभी को पत्र लिखकर शहीद पार्क के संचालन के लिए मांग की थी परंतु किसी ने भी इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी है । अब कहीं जाकर विकास प्राधिकरण द्वारा लगभग तैयारी की गई है जिसमें कहा जा रहा है कि प्राइवेट हाथों में सौंपने के लिए प्राधिकरण टेंडर जारी कर सकता है।

प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि हम लोगों ने कई विभागों को पत्र लिखें जिसमें आर्मी से लेकर बीएसएफ, नगर निगम पर्यटन विभाग भी शामिल है परंतु किसी ने रुचि नहीं दिखाई है। फिलहाल में राधास्वामी सेंटर में हूं और संभाग कमिश्नर से चर्चा कर निजी हाथों में सौंपने के लिए टेंडर जारी कर सकते हैं।

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