इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि कोविड अमीरी या गरीबी देखकर नहीं आता। अमीर के कारण भी कोरोना फैल सकता है और गरीब के कारण भी। इसलिए लाकडाउन में नियम तोड़े तो वह चाहे अमीर हो या गरीब, सबके खिलाफ सख्ती की जाएगी। हमने केवल सब्जी वालों पर ही कार्रवाई नहीं की, बड़ी कंपनियों को भी नहीं छोड़ा जायेगा, साथ ही यह चेतावनी भी दी कि जिस थाना क्षेत्र में लाकडाउन के नियम टूटेंगे, वहां के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि, थाना प्रभारी और नगर निगम के जोनल अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कोरोना कर्फ्यू में अनलाक के पहले चरण के पहले दिन नियम तोड़कर व्यवसाय शुरू करने वाले दुकानदारों के खिलाफ शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 30 एफआइआर हुई हैं। कलेक्टर ने कहा कि अभी तो हम समझाइश देकर छोड़ रहे हैं। फिर भी नहीं माने तो जेल भेजेंगे।
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शहर में किराना के थोक बाजार सियागंज, मल्हारगंज, छावनी आदि सहित जिन अन्य गतिविधियों को खोला गया है, वहां के बाजारों पर सात दिन तक निगरानी रखी जाएगी। सात दिन तक वहां सैंपलिंग और जांच भी की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि यदि इन बाजारों में नियमों को लेकर लापरवाही हुई और कोरोना के केस मिले तो फिर से इन्हें बंद किया जा सकता है। शहर के खुले बाजारों के अलावा सब्जी बेचने वालों, कामकाजी महिलाओं, दवा बाजार के कर्मचारियों आदि का विशेष तौर पर वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। सिंधी कालोनी में एक जगह ठेला लगाकर फल व सब्जी बेचने वालों को समझाइश देने के बाद भी वे नहीं माने। इस कारण उनको जेल भेजा गया और तीन बाद उनको छोड़ा गया ।
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