पुणे शहर। दिनाँक 10/09/25 की रात गुड्स ट्रेन MILK/KBC शिवाजी नगर स्टेशन पर 23:10 से खड़ी थी। इसी दौरान 20-22 वर्षीय युवक कर्वेनगर से भागकर पटरी पर आत्महत्या करने के उद्देश्य से ब्रेक यान के नीचे जाकर लेट गया था। गाड़ी को लाइन क्लियर मिलने ही वाला था अतः सुनील ब्रेकवान में बाहर खड़ा था, अचानक ट्रेन मैनेजर सुनील को कुछ संशय हुआ तथा उतरकर गार्ड के डिब्बे जिसे ब्रेकवान भी कहते है, के नीचे उतरकर आसपास तथा नीचे झांका तो युवक वंही लेटा हुआ था। सुनिल ने सतर्कता दिखाते हुए युवक को तुरंत बाहर निकाल लिया। थोड़ी सी सूझबूझ और तत्परता से बड़ा हादसा टल गया। बाद में युवक के परिजन और पुलिस मौके पर पहुंच गए।
रेलवे ने हाल के वर्षों में अधिकांश मालगाड़ियों को बिना ट्रेन मैनेजर (गार्ड) के चलाने का चलन बना लिया है। संयोग से यह मालगाड़ी बिना गार्ड के नहीं थी, इस कारण युवक की जान बच सकी। यह घटना स्पष्ट संदेश देती है कि ट्रेन मैनेजर की मौजूदगी कितनी आवश्यक और अपरिहार्य है। यदि वह मौजूद न होते तो यह हादसा टल पाना असंभव था।