इंदौर। देवी अहिल्या विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचकर नेट/सेट/पीएचडी धारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार दिनांक 23 मार्च 2022 को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव एवं मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल को प्रदेश में शीघ्र सहायक प्राध्यापक भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कराने के संदर्भ में ज्ञापन पत्र सौंपा है। ज्ञापन में प्रमुख रूप से प्रदेश के मूल निवासियों को पहली प्राथमिकता दिलाने की मांग की गई है।
वही पिछले 3 वर्षों के बाद नवीनतम आवेदकों के लिए अतिथि विद्वान भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें बाहरी अभ्यर्थियों के भी आवेदन लिए जा रहे हैं।
स्थानीय उम्मीदवारों की मांग है कि अतिथि विद्वान भर्ती में भी पहली प्राथमिकता प्रदेश के मूल निवासियों की होना चाहिए। बाहरी अभ्यार्थियों को अतिथि विद्वान भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखना चाहिए जिससे कि प्रदेश के युवाओं को रोज़गार मिल सके।
नेट/सेट,पीएचडी संघ के सदस्य डॉ. देवेन्द्र बघेल ने बताया कि अन्य राज्यों द्वारा सहायक प्राध्यापक भर्ती में बाहरी अभ्यर्थियों के लिए कोटा निर्धारित किया जाता है, परंतु मध्यप्रदेश में कोई कोटा निर्धारित नहीं किया गया है जिससे प्रदेश के शिक्षित बेरोज़गारों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बार-बार प्रदेश के मूल निवासियों को रोज़गार देने की बात कही जा रही है।
उसके बावजूद भी शासकीय नौकरियों में बाहरी अभ्यर्थियों के लिए कोई रोक-टोक नहीं है।
ज्ञात हो कि पिछले कई वर्षों से प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में स्थाई असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्तियां नहीं हुई है। जबकि प्रदेश में हजारों नेट, सेट एवं पीएचडी धारी शिक्षित युवा बेरोज़गार घूम रहे हैं।
कई दिनों से उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव प्रदेश में लगभग 10,000 प्रोफेसरों की भर्ती की बात कर रहे थे, परंतु पिछले दिनों उन्होंने सिर्फ 1,500 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती की बात कही है।
जिससे प्रदेश के अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है और उन्होंने मांग की है कि अधिकतम रिक्त पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। अपनी मांगों को लेकर अभ्यार्थियों ने देवी अहिल्या विश्विद्यालय के ओडॉटोरियम के सामने सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन भी किया।
ज्ञापन पत्र सौंपने वालों में प्रमुख रूप से डॉ.देवेन्द्र बघेल,अंकुर नाविक,कमलेश पटेल, डॉ.कमल भूरिया, आदि उपस्थित रहे।