इंदौर बावड़ी हादसा: उच्च न्यायालय में याचिका दायर नगर निगम पर लगे गंभीर आरोप दोषियों पर कार्रवाई की मांग

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Indore News in Hindi. विगत दिनों रामनवमी को इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी की छत धसने से पूजा-पाठ कर रहे 36 भक्तों की बावड़ी में गिरने से मौत हो जाने तथा 20 के लगभग नागरिकों के घायल हो जाने से शोक व्याप्त है। कांग्रेस ने अब इस मामले में हाईकोर्ट पहुंची है।
कांग्रेस ने शहर के कुएं / बावड़ियों सहित कुल 609 जलाशयों पर से अवैध निर्माण हटाने, घटना की मजिस्ट्रियल जांच के स्थान पर उच्च न्यायलय के सिटिंग जज से जुडिशियल जांच कराने तथा दोषियों पर कारवाई की मांग को लेकर आज उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर की है। इस पर संभवतः आगामी दो से तीन दिनों में सुनवाई हो सकती है।

वहीं शासन द्वारा मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश तथा ट्रस्ट के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। घटना का संज्ञान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लेने पर मुख्यमंत्री ने तुरंत ही घटना स्थल पर आकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी विगत दिनों घायलों से मिले थे तथा न्यायालीन कारवाई की चेतावनी दी थी, मजिस्ट्रियल जांच के चलते नगर निगम द्वारा दिनांक 3 अप्रैल को अवैध निर्माण तोड़ने की कारवाई की गई।

निगम ने नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की

यचिकाकर्ता पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने याचिका में इंदौर नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि नगर निगम ने पूर्व में किए सर्वे में शहर सीमा में कुओं एवं बावड़ियों सहित 609 जलाशय पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर हजारों नोटिस देने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। इसमें कहा है कि इस मामले में नगर निगम के दोषी अफसरों की जांच उच्च न्यायलय के सिटिंग जज से करवाई जाए।

कौशल ने बताया की विगत दिनों हुई दर्दनाक घटना के बाद सामने आए तथ्यों ने नगर निगम एवं प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। सरकार एक तरह स्मार्ट सिटी की नाम पर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का दावा कर रही है जबकी वास्तविकता में स्मार्ट सिटी और छह बार के नंबर वन शहर इंदौर में सुरक्षा, पार्किंग और आपदा से निपटने की लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैं।

नगर निगम के भवन अधिकारी आम-जन की समस्याओं को नजरअंदाज कर आला अफसरों और नेताओं की चाटुकारिता में लगे रहते हैं जिसका परिणाम सबके सामने है। स्नेह नगर के रहवासियों द्वारा कई बार उक्त अवैध निर्माण की शिकायतें नगर निगम आयुक्त को की थी परन्तु व्यापक जनहित की कारवाई क्यों नहीं की गई?
अधिकारी अपने विधिक दायित्व का निर्वाह नहीं कर केवल टालमटोल करते हैं यहां तक की सीएम हेल्पलाइन पर भी असत्य जवाब देकर उच्च अधिकारियों के निर्देशों का सरेआम उल्लंघन करते हैं आमजन की समस्याओं तथा इंदौर में हुई घटना को लेकर उच्च न्यायलय में अभिभाषक मनोहर दलाल के माध्यम से जनहित याचिका दायर की गई है। नैतिकता के नाते जवाबदार नेताओं को पद से तुरंत त्याग-पत्र दे देना चाहिए।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।