Indore Bhayyu Maharaj Case – केयरटेकर पलक,सेवादार विनायक,ड्राइवर शरद को 6 साल की सजा

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sadbhawnapaati
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ब्लैकमेलिंग के शिकार राष्ट्रीय संत भय्यू महाराज को मिला न्याय 

इंदौर. पूरे देश में सनसनी फैला देने वाले राष्ट्रीय संत भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में आखिर कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना ही दिया.

कोर्ट ने उनके खास सेवादारों को आत्महत्या के लिए दोषी माना. दोषियों को छह-छह साल के कारावास और पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा दी गई.

इस मामले में न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी की कोर्ट ने भय्यू महाराज के खास सेवादार विनायक, केयरटेकर पलक और ड्राइवर शरद को 6 साल की सजा सुनाई.

3 साल से कोर्ट में चल रहे इस मामले में 32 गवाह और डेढ़ सौ से ज्यादा अधिकारी और अन्य लोगों की पेशी हुई.

गौरतलब है कि भय्यू महाराज ने साल 2018 में 12 जून को आत्महत्या की थी. उन्होंने सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने निवास पर खुद की रिवाल्वर से कनपटी पर गोली मार ली थी.

इस मामले में पुलिस ने ब्लैकमेलिंग और आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए भय्यू महाराज के सेवादार विनायक, केयरटेकर पलक और उनके ड्राइवर शरद को गिरफ्तार किया था.

उस वक्त इस मामले में कोर्ट में भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी, उनकी बेटी कुहू और उनकी बहनों के भी बयान हुए थे.

पलक ने भय्यू महाराज को धमकाया था कि 16 जून 2018 को शादी करना ही पड़ेगी। साथ ही वो डेढ़ लाख की जगह ढाई लाख रुपए मांगने लगी।

इसी दौरान दाती महाराज का अपनी शिष्या से रेप करने का मामला भी सामने आ गया। जिससे पलक को भय्यू महाराज पर दबाव बनाने का एक और मौका मिल गया।

उसने शादी की दी हुई तारीख से 5 दिन पहले 11 जून 2018 को महाराज को फोन कर धमकाया था- शादी करो, वरना दाती महाराज जैसे भागते फिरोगे। इससे वे बदनामी के डर से घबरा गए और दूसरे दिन ही दिन गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

इसके अलावा महाराज को मीडिया को बुलाकर बदनाम करने की धमकी दी जाती थी। रुपयों की मांग की जाती थी।

पलक महाराज से डेढ़ लाख रुपए महीना लेती थी, इसे बढ़ाकर 2.50 लाख करने की डिमांड कर रही थी।

तीनों उन्हें नींद की दवाएं खिलाते थे। महाराज ने अपनी बड़ी बहन को खुद आपबीती बताते हुए कहा था-अक्का मैं फंस गया हूं।

आरोपी पक्ष के वकील ने पेश किए ये सबूत

भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी ने सेवादार विनायक, केयरटेकर पलक और ड्राइवर पर महाराज को ब्लैकमेल कर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.

उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में आरोपी पक्ष के वकील ने सबूत पेश किए कि भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी और उनकी बेटी कुहू के गृह क्लेश के कारण महाराज ने आत्महत्या की, लेकिन कोर्ट ने इन सभी तथ्यों को नकारते हुए तीनों सेवादारों को दोषी करार दिया है और उन्हें 6 साल की सजा सुनाई.

हाई कोर्ट जाएंगे आरोपी

आरोपी पक्ष की ओर से जो तथ्य पूरी विवेचना के दौरान कोर्ट के समक्ष रखे गए ऑर्डर कॉपी में उनका जिक्र नहीं है.

साथ ही, कोर्ट ने अपने ऑर्डर में यह भी लिखा है कि गृह कलेश आत्महत्या का कारण नहीं हो सकता.

इस आदेश को चुनौती देते हुए आरोपी पक्ष के वकील धर्मेंद्र गुर्जर ने कहा कि हमने वे सब तथ्य कोर्ट के समक्ष पेश किए थे, जिससे यह साफ जाहिर होता था कि यह पूरा मामला गृह क्लेश का है.

लेकिन, हमारे द्वारा पेश किए गए एक भी तथ्य आदेश में कहीं भी अंकित नहीं हैं. इसलिए हम इस ऑर्डर को चैलेंज करते हुए उच्च न्यायालय की शरण लेंगे.

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