इंदौर : 15 बिंदुओं पर हुई थानों की गोपनीय जांच लसूड़िया और विजय नगर थाने निचले पायदान पर

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sadbhawnapaati
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इंदौर। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद छोटे थानों की कार्यप्रणाली में तो सुधार हुआ, लेकिन बड़े थानों का बुरा हाल है। पुलिस उपायुक्त ने गोपनीय पड़ताल कर सात थानों की रैंकिंग जारी की है। विजय नगर और लसूड़िया जैसे बड़े थाने निचले पायदान पर पहुंच गए हैं। इस बारे में प्रतिवेदन पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र को भेजा गया है।

जोन-2 के पुलिस उपायुक्त संपत उपाध्याय के अनुसार कुल 15 बिंदुओं पर जांच की गई थी। कुछ जगह अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों को भेज कर जांच करवाई गई थी। रैकिंग में परदेशीपुरा थाना में सुनवाई और रखरखाव सबसे बेहतर मिला, जबकि तिलक नगर सातवें नंबर पर आया है। एमआइजी थाना दूसरे, कनाड़िया तीसरे, खजराना चौथे, लसूड़िया पांचवें और विजय नगर छठे क्रम पर है।

आदर्श थानों के मापदंड –

पुलिस थानों की पारदर्शी कार्यप्रणाली
पुलिस थानों के स्टाफ का अनुशासन
स्टाफ के गणवेश की जांच
आम जनता से मधुर संबंध
थानों के संसाधनों के बेहतर उपयोग एवं रखरखाव
क्राइम एंड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) डाटा को अपडेट रखना
थाना भवन में साफ-सफाई
आम जनमानस के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था
थाना रिकार्ड की प्रत्येक प्रविष्टि संबंधित जानकारी
वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयों से प्राप्त निर्देशों का पालन
थाने में आने वाले पीड़ितों की सुनवाई करना
महिलाओं संबंधी अपराधों का निराकरण
थानों में लंबित अपराधों, जब्ती माल, जब्त वाहनों का निराकरण
थानों में लंबित समन और वारंट की तामीली करवाना
चिन्हित व गंभीर अपराधों की निगरानी
ऐसे परखी थानों की कार्यप्रणाली –

पुलिस उपायुक्त के अनुसार शाम छह बजे रोल कॉल में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारियों को भेजा गया। नियमित गणना में पुलिसकर्मियों से बात की और उनके गणवेश को जांचा। प्रत्येक पुलिसकर्मी से उनके इलाके और बीट के बारे में जानकारी ली गई।
पुलिस उपायुक्त ने समक्ष आने वाले पीड़ितों से बात की और पूछा कि थाने में उनके साथ व्यवहार कैसा रहा?
ड्यूटी अफसर व थाना प्रभारी ने उनकी सुनवाई की या नहीं?
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने उन लोगों को कॉल कर फीडबैक लिया, जिन्हें किसी न किसी कारण से थाने जाना पड़ा।

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