वर्ष 2021-22 के लिए नगर निगम, इन्दौर का 5162 करोड़ का सालाना बजट निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने पेश किया। बजट में करीब 82 करोड़ का घाटा दर्शाया गया है।
सोमवार को नगर निगम प्रशासक एवं संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में हुई निर्धारित समय से दो घंटे देरी से शुरू हुई इस बजट बैठक में निगम की पहली महिला कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बजट प्रस्ताव रखा और बजट बैठक में निगम कमिश्नर द्वारा पेश किये गये बजट पर शाम तक चर्चा का दौर चलता रहा, मंगलवार को भी इस पर चर्चा होगी। बैठक में अपर आयुक्त (वित्त) वीरभद्र शर्मा, देवेन्द्र सिंह, अभय राजनगॉंवकर, संदीप सोनी सहित निगम की योजना, जनकार्य, जल प्रदाय, ड्रनेज, उद्यान शाखा, प्रधानमंत्री आवास, एसबीएम, स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारी मौजूद थे। बजट चर्चा के दौरान गत वर्ष के अनुभवों के आधार पर कई सुझाव भी आए है, कुछ सुझावों पर वरिष्ठ स्तर से दिशा-निर्देश दिये गये है। साथ ही भविष्य की किन योजनाओं को इसमें शामिल किया जा सकता है, उस पर भी चर्चा हुई है। मंगलवार को भी इस पर विस्तृत चर्चा होगी, उसके बाद संभवत: कुछ संशोधनों के साथ इस बजट को ‘प्रशासक संकल्प’ के माध्यम से पारित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नगर निगम इन्दौर में चुनी हुई परिषद् नहीं है और पिछले करीब दो साल से यहां ‘प्रशासक’ नियुक्त है।
[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]
नागरिकों को करों में कोई राहत नहीं ::
वर्ष 2021-22 के लिए पेश किये गये 5162 करोड़ के बजट में नगर निगम ने शहर के नागरिकों पर किसी प्रकार का कोई नया कर अधिरोपित नहीं किया है और न ही कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर नागरिकों को करों में कोई राहत दी गई है। याने निगम प्रशासन द्वारा शासन निर्देशों पर कुछ माह पहले निगम करों में जो वृद्धि लागू की थी, उन्हें ही यथावत ही रखा गया है। स्वच्छता, नदी शुद्धिकरण पर विशेष ध्यान केन्द्रीत करते हुए बजट में गत वर्ष की भांति, किन्तु तुलनात्मक रूप से कुछ घट-बढ़ करते हुए आलौच्य अवधि के लिए पीएम आवास योजना के साथ ही ‘मास्टर प्लान’ की सड़कों के अलावा शहर के प्रमुख सड़कों व भीतरी मार्गों, पुल-पुलियाओं व अन्य विकास कार्यों के लिए भी बड़ी राशि का प्रावधान किया गया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निगम स्तर से किये जाने वाले आकस्मिक कार्यों के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। ज्ञात हो कि स्वच्छता के मामले में नगर निगम इन्दौर ने शहर को पिछले चार सालों से लगातार देश के सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव दिलाया है।
[/expander_maker]