Indore Crime News – अल्तमश केस : भड़काऊ पर्चे बांटकर तालिबानी संदेश पहुंचा रहा था, 7 पाकिस्तानी नंबर भी मिले, चार आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाने की तैयारी

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Indore Crime News. शहर में दंगे भड़काने के साजिशकर्ता अल्तमस के मोबाइल में पुलिस को सात पाकिस्तानी लोगों के नंबर मिले हैं। इंदौर क्राइम ब्रांच इन नंबरों की पड़ताल में जुट गई है। साथ ही इंटरपोल को सातों नंबरों का ब्योरा भेजा है। वहीं आरोपी अल्तमस सहित उसके तीन साथियों का रासुका का प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर मनीष सिंह को भेज दिया गया है।

एसपी पूर्व आशुतोष बागरी ने बताया कि अल्तमस (28) पिता अबरार खान निवासी खजराना, मोहम्मद इमरान उर्फ मुनाजिर (31) पिता अब्दुल हक अंसारी निवासी रानीपुरा, जावेद (32) पिता मोहम्मद शाहिद खान निवासी कनाड़िया और सैयद इरफान अली उर्फ रशीद (34) पिता सत्तार अली निवासी खजराना को दंगे भड़काने की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया था।

आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक इशाक कालोनी खजराना निवासी अल्तमश पुत्र अबरार खान गुरुवार तक रिमांड पर है। पूछताछ के लिए एएसपी (पूर्वी) राजेश रघुवंशी की टीम गठित की गई है। छानबीन में पता चला कि अल्तमश तालिबानी विचारधारा का समर्थक बन चुका था। वह खुद इसका प्रचार करने में जुटा हुआ था। बाणगंगा के न्यू गोविंद नगर में तस्लीम चूड़ीवाला से हुई मारपीट के दो दिन पूर्व भी उसने मुस्लिम इलाकों में पर्चे बंटवाए थे | खासकर महिलाओं पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाने की बातें करता था। उसने पर्चे में महिलाओं के टीवी न देखने, मोबाइल न चलाने और बुर्के में रहने जैसी बातें लिखी थी।

एएसपी के मुताबिक करीब दो महीने पूर्व बुरहानपुर में लव जिहाद के प्रकरण को लेकर विवाद हुआ था। इस घटना के बाद उसने भगवा लव ट्रेप के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बना लिया था। उसमें भी अल्तमश की भूमिका सामने आई है। पाकिस्तान और तालिबान से संपर्कों के बाद आइबी और एटीएस ने जानकारी जुटाई है।

भारतीय कानून पर भरोसा नहीं रखता अल्तमश

अफसर अल्तमश से दो तरीकों से पूछताछ कर रहे है। एक दल मोबाइल, व्हाट्सएप, ई-मेल, इंटरनेट मीडिया की तकनीकी जांच कर रहा है। दूसरे दल के अफसर भावनात्मक बातें कर उससे साजिश के बारे में जानकारी उगलवा रहे है। पाकिस्तानी और तालिबानियों ने अल्तमश का ब्रेनवॉश कर दिया था। भड़काऊ भाषण, संदेशों के जरिए यह जचां दिया था कि हिंदूस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं है। अल्तमश भारत के कानून पर भी भरोसा नहीं करता था। तालिबान द्वारा दी जाने वाली सजा और फैसलों का समर्थन कर उन वॉट्सएप ग्रुप पर शेयर करता था जिनसे वह जुड़ा हुआ था।

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