Indore Crime: सहायक बैंक मैनेजर गिरफ्तार, अकाउंट में मिले 63 लाख रुपए |

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एमपी ऑनलाइन के कियोस्क से लोन फार्म जमा कर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के मुद्रा लोन की सब्सिडी के रुपए का गबन करने वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सहायक ब्रांच मैनेजर आरोपी अरुण जैन को राज्य सायबर सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सब्सिडी वाले मुद्रा लोन को फर्जी तरीके से साथियों के साथ मिलकर निकाल रहा था। आरोपी ने अब तक कई फर्जी लोन करवाए हैं। 7 लाख के लोन मामले में फंसा तो गायब हो गया था। पुलिस ने उस पर 10 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। आरोपी जैन सब्सिडी की राशि को छोड़कर बाकी लोन का रुपया बैंक में जमा करवा देता था।

आरोपी के साथी के 9 खाते में 63 लाख रुपए के लोन की जानकारी मिली है। पांच आरोपी पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस को मैनेजर को 5 दिन का रिमांड मिला है। राज्य सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि फरियादी शैलेन्द्र पिता राजेन्द्र शर्मा निवासी ई- सेक्टर, सुदामा नगर ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से 7 लाख रुपए लोन लिए जाने की शिकायत की थी। पुलिस ने फरियादी के बैंक अकाउंट को जांचा तो पता चला कि उसके नाम से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आरो चिल्ड वाटर का सामान खरीदने के लिए सात लाख रुपए का सब्सिडी वाला मुद्रा लोन लिया गया है। दस्तावेजों की जांच की तो पाया की, आवेदक के नाम से स्कीम नंबर – 71 दस्तूर गार्डन के पीछे शैलेन्द्र चिल्ड वाटर के नाम से फर्जी रेन्ट एग्रीमेंट तैयार कर वाॅटर प्लांट का नगर निगम से व्यवसायिक लाइसेंस बनवाकर मुद्रा लोन लिया गया। आरोपियों ने आवेदक के दस्तावेज और फोटो के जरिए फर्जी रेन्ट एग्रीमेंट तैयार कर निगम से लाइसेंस लेकर एमपी ऑनलाइन के लिए लोन के लिए आवेदन किया। लोन के रुपए खाते में आए तो मैनेजर अरुण जैन के जरिए आरोपियों ने उसे आरो चिल्ड वाटर के सामान का फर्जी कोटेशन देकर अवतार स्पेयर सेंटर के नाम से डीडी बनवा लिया। इस डीडी को आरोपियों ने परिचित विशाल डांगी के करंट एकाउंट अवतार स्पेयर सेंटर के खाते में जमा कर दिया। इसके बाद आरोपी पिन्टू कजरे ने अपनी फर्जी फर्म रामेश्वर इन्टरप्राइजेस के खाते में डांगी से रुपए ट्रांसफर करवा लिए। लोन के रुपए चुकाने के लिए पिन्टू ने पांच लाख रुपए आवेदक के खाते में जमा कर दिए। जिन रुपयों से अरुण लोक को खत्म कर देता। इसके बाद बचे हुए दो लाख रुपए आरोपी महेश दुबे, पिन्टू कजरे, सोनू उर्फ सोहन पवार, विशाल डांगी, अरुण जैन ने आपस में बांट लिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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