Indore : महज 50 दिन में संपत्ति की खरीदी-बिक्री से सरकार ने कमाए 105 करोड़

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sadbhawnapaati
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 कोरोना काल के डेढ़ महीने के दौरान ही इंदौर में संपत्ति की खरीदी-बिक्री से राज्य सरकार को 105 करोड़ से अधिक की कमाई हुई। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के जरिए स्टाम्प ड्यूटी के रूप में शासन को यह राजस्व मिला।

वित्तीय वर्ष 2021-22 की शुरुआती महीने अप्रैल में 10 दिन ही कामकाज चल पाया और कोरोना कर्फ्यू के कारण 20 अप्रैल से पंजीयन कार्यालय भी बंद कर दिए गए। इसके बाद 13 मई को पंजीयन कार्यालय खोले गए। इस तरह नए वित्तीय वर्ष के सवा दो महीने में करीब 23 दिन पंजीयन का कामकाज बंद ही रहा। देखा जाए तो अप्रैल, मई और चालू जून के सवा दो महीने में कार्यालय खुलने और कामकाज चलने का समय तो डेढ़ महीना ही रहा। इस डेढ़ महीने में 105 करोड़ से भी अधिक का राजस्व राज्य शासन को मिला।

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अप्रैल के 10 दिन में ही 45 करोड़ का राजस्व मिल चुका था। इसके बाद 13 मई को पंजीयन कार्यालय खुलने के बाद इस महीने में 30 करोड़ का राजस्व मिला और जून के एक सप्ताह में ही 20 करोड़ के राजस्व की कमाई हुई। इस तरह नए वित्तीय वर्ष में अब तक 105 करोड़ का राजस्व सरकार को मिला है। पंजीयन विभाग के इंदौर-उज्जैन संभागों के उप महानिरीक्षक बालकृष्ण मोरे बताते हैं कि कोरोनाकाल में भी संपत्ति का पंजीयन हो रहा है। राजस्व में यह वृद्धि इंदौर के साथ इंदौर-उज्जैन प्रक्षेत्र के सभी 15 जिलों में देखने को मिल रहा है। उम्मीद है कि बढ़ोतरी की यह दर आगे भी बनी रहेगी और रियल इस्टेट में उत्साह बना रहेगा।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।